बीजिंग: चीन ने लगभग 100 शहरों में दूरसंचार की 5वीं पीढ़ी यानी 5G टैक्नोलॉजी के दूरसंचार उपकरणों का परीक्षण शुरू किया है। हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट ने बर्नस्टेन रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर इस आशय की खबर प्रकाशित की है। चीन ग्राहकों की संख्या के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है और वह सेल्यूलर फोन प्रणालियों में अगली पीढ़ी की दौड़ में आगे रहना चाहता है। चीन में 1.3 अरब फोन यूजर में से 30% 4G टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
दूरसंचार की 5G टैक्नोलॉजी मौजूदा 4G टैक्नोलॉजी की तुलना में 20 गुना तेज होगी और इसमें ‘डेटा लोस’ बहुत कम होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 5G टैक्नोलॉजी के परीक्षण के साथ अधिक उपयोक्ता व हाइस्पीड डेटा में सक्षम एंटीना प्रणाली का भी परीक्षण किया जा रहा है।
20 Gbps तक होगी 5G की स्पीड
इंडस्ट्री एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री (MIIT) के मुताबिक, चीन में 1.3 अरब मोबाइल फोन यूजर्स हैं। करीब 30 फीसद यूजर्स 4G नेटवर्क यूज करते हैं। हाई स्पीड 5G नेटवर्क 1 सेकेंड में 20 गीगाबाइट्स तक की स्पीड पकड़ सकेगा। यह 4G की मौजूदा स्पीड से 1 Gbps ज्यादा है। इसके अलावा, एप को क्लिक करने के बाद मिलने वाले रिस्पॉन्स टाइम में भी कमी आएगी। 5G में यह टाइम 1 मिली सेकेंड या उससे भी कम होगा, जबकि 4जी पर यह 10 मिली सेकेंड है।
2020 तक लॉन्च हो जाएगी सर्विस
चाइना मोबाइल पहले ही यह एलान कर चुकी है कि 2020 तक वह देश में 5G नेटवर्क सर्विस लॉन्च कर देगी। मिनिस्ट्री 5G से जुड़े रिसर्च और जांच का काम 2018 तक पूरा कर लेगी।
भारत में कब आएगा 5G?
दूरसंचार सचिव जेएस दीपक ने हाल ही में कहा था कि हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) में प्रवेश कर रहे हैं, ऐसे में इस बात की संभावना है कि देश को 5G शेष दुनिया के साथ मिले। दीपक ने कहा, "हमें 2G शेष दुनिया से 25 साल बाद मिला, कम से कम विकसित दुनिया से। इसी तरह हमें 3G उस समय मिला जबकि एक दशक पहले यह अमेरिका और यूरोप पहुंच चुका है। इसी तरह 4G उसे वैश्विक रूप से पेश किए जाने के पांच वर्ष बाद हमारे पास पहुंचा। 5जी के मामले में ऐसी संभावना है कि यह हमें शेष दुनिया के साथ ही मिलेगा।"