नई दिल्ली: आमतौर पर घरेलू महिलाओं के लिए कपड़े धोने का काम सबसे झंझट भरा काम होता है। इसी काम को करने में उनका सबसे ज्यादा समय बर्बाद होता है। लेकिन अब महिलाओं को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक का अविष्कार किया है जिससे महिलाओं का काम और भी आसान हो जाएगा। इस तकनीक से अब कपड़ों को बल्ब की रोशनी या धूप में छह मिनट तक रखने पर ही वे खुद ही साफ हो जाएंगे। मेलबर्न स्थित आरएमआईटी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक विशेष नैनोतकनीक से कपड़ा तैयार किया है, जो कि रोशनी में अपने आप साफ हो जाता है। इस शोध में भारतीय वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
राजेश रामनाथन ने कहा कि अभी इस शोध को पूरा होने में काफी समय है लेकिन भविष्य में वो समय जल्द आने वाला है जब आप अपनी वॉशिंग मशीन तो अलविदा कह देंगे। यह कपड़ा चांदी और तांबा आधारित नैनोसंरचनाओं से विकसित किया गया है। यह कपड़ा प्रकाश को सोखने की क्षमता के लिए जाना जाता हैं। जब इन नैनोसंरचनाओं पर प्रकाश डाला जाता है तो इनमें ऊर्जा के संचार से गर्म इलेक्ट्रॉन निकलते हैं। ये गर्म इलेक्ट्रॉन ढेर सारी ऊर्जा जारी करते हैं, जिस कारण ये कपड़ा कार्बनिक पदार्थों (धूल-मिट्टी आदि) को हटा देता है।
शोधकार्ताओं के लिए अब इस कपड़े को प्रयोगशाला से निकालकर वाणिज्यिक उत्पादन के लिे बनाना है जो कि एक बड़ी चुनौती है। रामनाथन का कहना है कि कपड़ा कार्बनिक पदार्थ तो साफ कर लेता है, लेकिन अब हमारे सामने इसे जैविक पदार्थों को भी साफ करने लायक बनाने की चुनौती है। तब ही इसे आम आदमी इस्तेमाल कर सकेगा।