गुड़गांव: भारती एयरटेल के अध्यक्ष सुनील मित्तल ने बुधवार को रिलायंस जियो के मुफ्त बातचीत (फ्री वायस कॉल) पेशकश पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि कुछ भी हमेशा के लिए मुफ्त नहीं हो सकता। जीएसएमए द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मित्तल ने भारतीय दूरसंचार नियामक (ट्राई) से आग्रह किया कि वह इस मुद्दे को देखे। मित्तल ने कहा, "ट्राई को चाहिए कि वह रिलायंस जियो की मुफ्त पेशकश वाले मुद्दे को निपटाए। लंबे समय तक कुछ भी मुफ्त नहीं हो सकता।" हाल में ट्राई ने कहा है कि उसे जियो के टैरिफ प्लान्स में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।
मित्तल ने कहा कि रिलायंस जियो को इंटरकनेक्शन के पर्याप्त पॉइंट्स (पीओआई) नहीं मुहैया कराने को लेकर उनकी कंपनी अन्य दो सेवा प्रदाताओं के साथ अपने ऊपर लगे जुर्माने के बारे में सरकार और नियामक को जवाब देगी। उन्होंने कहा, "ट्राई को निश्चित रूप से रिलायंस जियो को जो पीओआई दिए गए हैं, उन्हें लेकर कुछ भ्रम है।" ट्राई ने 21 अक्टूबर को दूरसंचार सेवा मुहैया कराने वाली तीन कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आईडिया सेल्युलर पर रिलायंस जियो को पर्याप्त पीओआई नहीं मुहैया कराने को लेकर करीब 3050 करोड़ जुर्माना लगाया है। नियामक ने यह भी कहा कि इसका परोक्ष अभिप्राय प्रतिस्पर्धा का गला घोंटना है।
ट्राई ने 23 सितंबर को ऐसा ही पत्र तीनों कंपनियों को लिख कर जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर प्रति लाइसेंस सेवा क्षेत्र (एलएसए) के लिए 50 करोड़ रुपये जुर्माना की संस्तुति की है। एयरटेल और वोडाफोन के मामले में प्रत्येक के लिए 21 एलएसए के लिए 1050 करोड़ रुपये, जबकि आईडिया पर 19 एलएसए के लिए 950 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया है। ट्राई को रिलायंस जियो से 14 जुलाई को पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि जो अभी दूरसंचार प्रदाता कंपनियां काम कर रही हैं, वे पर्याप्त इंटरकनेक्ट पॉइंट्स नहीं दे रही हैं। इंटरकनेक्ट पॉइंट्स के जरिए ही एक कंपनी के फोन से किसी अन्य कंपनी का फोन रखने वाले के बीच बात होती है। ऐसा नहीं करने से कॉल ड्रॉप जैसी परेशानी होती है।