नयी दिल्ली: प्रौद्योगिकी को लेकर लोगों के उत्साह को देखते हुए अगले 3-4 वर्षों में भारत में इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों में 10 गुना वृद्धि होने की उम्मीद है। इसी के साथ उपकरणों की संख्या 200 करोड़ पहुंच सकती है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यह बात कही। एसोचैम द्वारा आज यहां आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि देश में इंटरनेट से चलने वाले 20 करोड़ उपकरण काम कर रहे हैं और तीन-चार सालों में आंकड़ों के 200 करोड़ तक जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए होगा क्योंकि भारतीयों में तकनीकी के प्रति खासा रुझान है। उन्होंने कहा कि सभी नई प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और उनका लाभ उठाया जाना चाहिए। प्रसाद ने आगे कहा कि सरकार की कोशिश अगले 5-7 सालों में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को 1000 अरब डॉलर तक ले जाने की है और इसकी रूपरेखा पर दो परामर्शदाता फर्म काम कर रही हैं। मैं कहना चाहता हूं कि पृथ्वी पर ऐसी कोई भी ताकत नहीं है जो भारत को दुनिया की सुपर डिजिटल शक्ति बनने की राह पर आगे बढ़ने से रोक सके। किसी भी उत्पाद या उपकरण जिसका नियंत्रण इंटरनेट का उपयोग करके किया जा सकता है, वह आईओटी की श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।