नई दिल्ली। ऑनलाइ गेम पबजी दिन प्रतिदिन खतरनाक होता जा रहा है। आए दिन इसके खेलने के कारण मौत की खबरें सामने आ रही हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के नीमच जिले का है। यहां एक 16 साल के लड़के की पबजी गेम खेलते वक्त कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। लड़के का नाम फुरकान कुरैशी (Furqan Qureshi) बताया जा रहा है, जो 12वीं में पढ़ाई करता था। फुरकान की इस तरह मौत हो जाने से हर कोई हैरान है। दरअसल बताया जा रहा है कि फुरकान लगातार 6 घंटे से पबजी खेल रहा था। मौत से पहले वो जोर-जोर से चिल्ला रहा था- 'ब्लास्ट कर.. ब्लास्ट कर'। जिसके बाद वो बेहोश होकर गिर गया।
हालांकि, बेहोश होने के बाद फुरकान को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की, लेकिन कुछ देर बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। ये घटना नीचम के पटेल प्लाजा में हुई। कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अशोक जैन ने बताया कि मौत अचानक कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई, उसे खेलते वक्त अचानक झटका लगा होगा। वो काफी खंटे तक तनाव में खेल रहा था। खेल की उत्तेजना में उसकी दिल की धड़कनें तेज हो गईं और हार्ट अटैक आ गया।
फुरकान ने पिता हरून राशिद ने कहा कि हम कुछ दिन पहले ही एक रिश्तेदार की शादी के सिलसिले में नीमच आए हुए हैं। शादी की तैयारियों में काफी व्यस्थ थे, मैंने उसे कई बार मना किया था, लेकिन वह मानता नहीं था और लगातार कई घंटे तक पबजी खेलता रहता था। जिस वक्त वो गेम खेल रहा था, उस वक्त कमरे में फुरकान की 2 साल छोटी बहन फिजा मौजूद थी। फुरकान की छोटी बहन फिजा ने कहा कि फुरकान अचानक जोर-जोर से चिल्लाने लगा- 'ब्लास्ट कर.. ब्लास्ट कर, यार अयान तूने मुझे हरवा दिया और मरवा दिया। अब मैं तेरे साथ नहीं खेलूंगा।' जिसके बाद उसके सिर में दर्द हुआ और वो बेहोश होकर गिर गया।' जिसके बाद फिजा जोर-जोर से मदद के लिए चिल्लाने लगी, फुरकान को अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। हरून राशिद का एक ही बेटा था। हरून की दो बेटियों में फुरकान सबसे बड़ा भाई था।
ऐसे खेला जाता है PUBG Game
पैराशूट के जरिए 100 प्लेयर्स को एक आईलैंड पर उतारा जाता है। जहां प्लेयर्स को बंदूकें ढूंढनी पड़ती है और दुश्मनों को मारना होता है। आखिर में जो बचता है वो विनर होता है। 4 लोग ग्रुप बनाकर भी खेल सकते हैं, जो आखिर तक पहुंच गए तो सभी विनर कहलाते हैं। इस गेम को डाउनलोड करने के लिए 2 जीबी स्पेस होना जरूरी है, क्योंकि गेम फोन का काफी स्पेस लेता है।
Gaming Disorder: WHO ने बीमारियों की लिस्ट में किया शामिल
गेमिंग की लत या गेमिंग डिसऑर्डर (Gaming Disorder) अब आधिकारिक रूप से एक बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी 2018 की बीमारियों की लिस्ट में 'गेमिंग डिसऑर्डर' को जोड़ने का प्रस्ताव दिया था। स्विट्जरलैंड के जेनेवा में एक एनुअल जनरल मीटिंग के दौरान, सदस्य देशों ने आधिकारिक तौर पर पीसी, कंसोल और स्मार्टफोन पर गेमिंग की लत को एक अंतरराष्ट्रीय बीमारी के रूप में मान्यता दी। 'गेमिंग डिसऑर्डर' अब WHO की मॉडर्न डिसीज की लिस्ट में अपने अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण (ICD) में नया एडिशन है।
WHO ने एक बयान में अपने फैसले के पीछे तर्क को समझाया, 'अध्ययन से पता चलता है कि गेमिंग डिसऑर्डर डिजिटल या वीडियो-गेमिंग गतिविधियों में शामिल लोगों के केवल एक छोटे अनुपात को प्रभावित करता है। हालांकि, जो लोग गेमिंग में हिस्सा लेते हैं, उन्हें गेमिंग गतिविधियों पर खर्च करने की मात्रा के बारे में सतर्क रहना चाहिए, खासकर जब यह अन्य दैनिक गतिविधियों को प्रभावित करता है।' लगभग एक साल के बाद WHO के सभी 194 सदस्य राज्यों की सहमति से इंटरनेशनल स्टैटिस्टिकल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीसेस ऐंड रिलेटेड हेल्थ प्रॉब्लम्स (ICD-11) को शामिल किया गया है। इसके 2017 ड्रॉफ्ट में गेमिंग डिसऑर्डर भी शामिल है। नया रिवीजन 1 जनवरी, 2022 से लागू होगा।
इस डिसऑर्डर को ICD-11 की सबकैटिगरी में रखा गया है, जिसमें किसी भी चीज के एडिक्शन से जुड़ी बीमारियां शामिल हैं। बता दें कि जुआ खेलने या शराब की लतों से जुड़ी बीमारियों के साथ डिसऑर्डर को भी शामिल किया गया है। हालांकि WHO के इस फैसले से कई सहमत नहीं हैं। यूएस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ कोरिया, साउथ अफ्रीका और ब्राजील से ग्लोबल वीडियो गेम इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने विरोध जताते हुए WHO के सदस्य राज्यों से इस फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है।