Year Ender 2022, Commonwealth Games Lawn Bowls: बर्मिंघम में इसी साल खेले गए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने कमाल का प्रदर्शन किया। भारतीय खिलाड़ियों ने 22 गोल्ड समेत कुल 61 मेडल जीते। रेशलिंग, वेटलिफ्टिंग के अलावा एक और खेल ऐसा था जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने कमाल का प्रदर्शन किया। हम बात कर रहे हैं लॉन बॉल्स की। इस खेल में 92 साल के इतिहास में भारत ने कोई मेडल जीता। जहां भारत की महिला टीम गोल्ड जीतने में कामयाब रही, वहीं पुरुष टीम ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
महिला टीम का कमाल
22वें राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की लॉन बॉल्स टीम ने भारत को पहली बार गोल्ड मेडल दिलाकर इतिहास रच दिया है। भारत की लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी टिर्की की चार खिलाड़ियों वाली टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर 92 साल के इन खेलों के इतिहास में भारत को पहली बार मेडल दिलाया। फाइनल मुकाबले में भारतीय चौकड़ी ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से हराकर गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाला। इस खेल की चर्चा देश में तब शुरू हुई जब 1 अगस्त को राष्ट्रमंडल खेलों के चौथे दिन महिलाओं की फोर टीम ने न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल में हराकर उलटफेर किया। लॉन बॉल्स मुख्य तौर पर आउटडोर गेम है और एक हरे-भरे लॉन में खेला जाता है। यह साल 1930 से ही कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा रहा है। लेकिन भारत को 22 सालों में इस खेल में कभी कोई पदक नहीं मिला। जबकि इंग्लैंड इसमें अब तक कुल 51 मेडल (20 गोल्ड, 9 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज) जीत चुका है।
पुरुष टीम ने सिल्वर किया अपने नाम
वहीं इस खेल में भारत की पुरुष टीम ने भी पहली बार कोई मेडल जीता। भारतीय टीम के खिलाड़ी सुनील बहादुर, दिनेश कुमार, चंदन कुमार सिंह और नवनीत सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के पुरुष लॉन बॉल्स का सिल्वर अपने नाम किया। इस टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया जहां उन्हें नॉर्दन आयरलैंड की टीम के खिलाफ 5-18 से हार का सामना करना पड़ा।
लॉन बॉल के खेल के बारे में खास बातें
लॉन बॉल एक तरह से गोल्फ की तरह है। क्योंकि वहां भी गेंद को एक लक्ष्य तक पहुंचाना होता है और इस खेल में भी ऐसा ही कुछ है। हालांकि दोनों में कई फर्क भी हैं, जिसमें सबसे बड़ा फर्क ये होता है कि गोल्फ में स्टिक का इस्तेमाल होता है जबकि लॉन बॉल में हाथ से ही गेंद को आगे भेजना होता है। खैर आइए इस खेल के बारे में जानते हैं। दरअसल इस खेल में गेंद को जैक यानी कि लक्ष्य भी कहा जाता है। इस जैक की तरफ ही गोलाकर गेंद को जमीन पर रोल करते हुए भेजना होता है। इसमें खेलने वाली दोनों टीमों को इसी प्रक्रिया का पालन करना होता है और अपनी गेंद को जैक के ज्यादा से ज्यादा नजदीक भेजना होता है। जिसकी गेंदें जैक के ज्यादा करीब होती हैं, वह अंकों के आधार पर विजेता बनता है।