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वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के मुक्केबाजों ने रचा इतिहास, 3 मेडल किए देश के नाम

World Boxing Championship: भारतीय मुक्केबाजों ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए देश के नाम तीन मेडल किए हैं।

Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Published on: May 12, 2023 21:20 IST
दीपक भोरिया, मोहम्मद...- India TV Hindi
Image Source : TWITTER BFI दीपक भोरिया, मोहम्मद हुसामुद्दीन और निशांत देव

भारतीय मुक्केबाजों ने उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकन्द (Tashkent) में जारी पुरुष वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में तीन मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। हालांकि, सेमीफाइनल मुकाबलों में भाग्य ने तीनों भारतीय मुक्केबाजों का साथ नहीं दिया। लेकिन इस टूर्नामेंट के इतिहास में पुरुष मुक्केबाजों का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। इससे पहले साल 2019 में अमित पंघाल ने सिल्वर मेडल और मनीष कौशिक ने ब्रॉन्ज मेडल जीते थे और वो भारतीय दल का बेस्ट प्रदर्शन था। लेकिन इस बार भारतीय मुक्केबाज दीपक भोरिया, मोहम्मद हुसामुद्दीन और निशांत देव ने एक ही दिन में तीन मेडल दिला दिए थे।

आपको बता दें कि 51 किलोग्राम वर्ग में दीपक, 57 किलोग्राम वर्ग में हुसामुद्दीन और 71 किलोग्राम वर्ग में निशांत गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने से चूक गए। हुसामुद्दीन को चोट के कारण वॉकओवर देना पड़ा तो निशांत और दीपक को करीबी मुकाबलों में हारकर ब्रॉन्ज से ही संतोष करना पड़ा। निशांत का सेमीफाइनल मुकाबला रिव्यू तक पहुंचा और निर्णायकों ने 2022 एशियाई चैम्पियन और 2018 एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता कजाखस्तान के असलानबेक शिमबेरगेनोव के पक्ष में फैसला दिया। उधर भोरिया को दो बार के कांस्य पदक विजेता फ्रांस के बिलाल बेनामा ने रोमांचक मुकाबले में बंटे हुए फैसले पर 4-3 से हराया। 

चोट के कारण नहीं उतर पाए हुसामुद्दीन

भोरिया को 2019 विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता अमित पंघाल पर तरजीह देकर टीम में चुना गया था। इससे पहले हुसामुद्दीन ने घुटने की चोट के कारण सेमीफाइनल मुकाबले से नाम वापिस ले लिया । निजामाबाद के 29 वर्ष के हुसामुद्दीन को बुल्गारिया के जे डियाज इबानेज के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान घुटने में चोट लगी थी। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने एक बयान में बताया कि, हुसामुद्दीन को चोट के कारण विरोधी को वॉकओवर देना पड़ा। उसे कांस्य पदक से ही संतोष करना होगा। उसे क्वार्टर फाइनल मुकाबले के दौरान चोट लगी थी और उसे आगे नहीं खेलने की सलाह मिली थी। हुसामुद्दीन पहली बार विश्व चैम्पियनशिप खेल रहे थे। उन्हें सेमीफाइनल में क्यूबा के सेडेल होर्टा से खेलना था।

कैसे बदली भारतीय पुरुष बॉक्सिंग टीम की तस्वीर?

सात महीने पहले ही भारतीय बॉक्सिंग टीम में बतौर हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर के तौर पर आए बरनार्ड डुने के नेतृत्व में यह मुक्केबाजों का शानदार प्रदर्शन रहा है। टोक्यो ओलंपिक में किसी भी पुरुष बॉक्सर ने देश के लिए मेडल नहीं जीता था। उसके बाद डुने ने शानदार काम किया, जिसका नतीजा ताशकन्द में देखने को मिल रहा है। क्वार्टरफाइनल मुकाबलों में दीपक भोरिया ने किरगिज्स्तान के मुक्केबाज को 5-0 से हराकर शानदार जीत दर्ज की थी। वहीं हुसामुद्दीन ने बुल्गारिया के डियाज इबानेज को 4-3 से हराया था। उधर निशांत देव ने क्यूबा के जोर्ज को 5-0 से हराकर देश के लिए तीसरा मेडल पक्का किया था।

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