कप्तान सलीमा टेटे सहित तीन ओलंपिक खिलाड़ियों की मौजूदगी में भारतीय टीम शुक्रवार से यहां शुरू हो रहे एफआईएच महिला जूनियर विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेगी। टेटे के अलावा मिडफील्डर शर्मिला देवी और स्ट्राइकर लालरेमसियामी उस सीनियर टीम में शामिल थे जिसने टोक्यो ओलंपिक में चौथा स्थान हासिल किया था। भारतीय टीम पूल डी में अपने अभियान की शुरुआत शनिवार को वेल्स के खिलाफ करेगी और रविवार को उसे जर्मनी से भिड़ना है। टीम को आठ अप्रैल से शुरू होने वाले क्वार्टर फाइनल दौर से पहले पूल के आखिरी मैच में मलेशिया का सामना करना है। बीस वर्षीय सलीमा भारतीय मिडफील्ड की अहम खिलाड़ी है। वह पहले ही भारत के ओलंपिक अभियान में अपनी क्षमताओं को साबित कर चुकी हैं, जहां उनकी तेजी देखने लायक थी। ब्रिटेन के खिलाफ कांस्य पदक मैच में उन्होंने अपने खेल से भी को प्रभावित करते हुए तीन पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किये थ।
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लालरेमसियामी मिजोरम की पहली महिला ओलंपियन है। वह शानदार स्ट्राइकर हैं, जो विरोधी टीम के सर्कल के अंदर तेजी से मौके बनाने के लिए जानी जाती है। अग्रिम पंक्ति की खिलाड़ी शर्मिला ने मैदान के दोनों तरफ से अपने खेल से प्रभावित किया है। उन्होंने ब्रिटेन के खिलाफ भारत के पूल चरण के मैच में भी एक गोल किया। चार साल में एक बार होने वाले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का आयोजन दिसंबर में होना था लेकिन दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन (कोरोना वायरस का प्रकार) के खतरे के कारण स्थगित कर दिया गया था। युवा ओलंपिक 2018 में रजत पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रही सलीमा ने कहा, ‘‘ खिलाड़ियों में खासा उत्साह है। सभी ने इस क्षण के लिए बहुत मेहनत की है और टूर्नामेंट के स्थगित होने के बाद समय का बेहतर इस्तेमाल किया। एक टीम के रूप में हमने सुधार किया ताकि हम यहां अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।’’ कप्तान ने कहा, ‘‘ यहां जल्दी आने से हमें काफी मदद मिली है। हमें यहां अभ्यास के काफी मौके मिले और इससे हमें मौसम के अनुकूल होने में मदद मिली है।’’
टीम में उप-कप्तान इशिका चौधरी, गोलकीपर बिछु देवी खरीबाम, डिफेंडर अक्षता अबसो देखाले और संगीता कुमारी भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में जर्मनी के खिलाफ एफआईएच हॉकी प्रो लीग मैचों में सीनियर टीम के लिए पदार्पण किया था। भारतीय टीम ने विश्व कप शुरू होने से पहले इंग्लैंड और नीदरलैंड के खिलाफ भी दो अभ्यास मैच खेले, दोनों ड्रॉ रहे। जूनियर वैश्विक स्पर्धा में भारत ने चार बार भाग लिया है जहां उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2013 में कांस्य पदक रहा है। टीम टूर्नामेंट के पिछले सत्र में क्वालीफाई नहीं कर पाई थी।