भारतीय महिला हॉकी टीम ने एफआईएच जूनियर विश्व कप के पूल चरण के मुकाबले में रविवार को यहां जर्मनी को 2-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। शनिवार को ग्रुप डी के अपने शुरूआती मैच में वेल्स को 5-1 से मात देने वाली भारतीय टीम ने इस मैच में जर्मनी को हराकर उलटफेर किया। टीम के लिए लालरेम्सियामी (दूसरे मिनट) और मुमताज खान (25 वें) ने पेनल्टी कार्नर को गोल में रूपांतरण के माध्यम से विजेता बनकर उभरे। जर्मनी की ओर से एकमात्र गोल जूल ब्लेयूल ने 57वें मिनट में किया। भारतीय टीम आठ अप्रैल से शुरू होने वाले क्वार्टर फाइनल चरण से पहले पांच अप्रैल को मलेशिया के खिलाफ पूल चरण के आखिरी मुकाबले में भिड़ेगी।
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भारतीय टीम इस समय पूल डी में दो मैचों में दो जीत के साथ शीर्ष पर है जबकि जर्मनी की टीम इस तालिका में दूसरे स्थान पर है। हर पूल से दो-दो टीमें क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करेगी। जर्मनी के खिलाफ भारतीय टीम को दूसरे मिनट में ही पेनल्टी कार्नर मिला । दीपिका की ड्रैग फ्लिक को जर्मनी की गोलकीपर माली विचमैन ने बचा लिया लेकिन लालरेम्सियामी ने रिबाउंड पर गोल कर टीम को बढ़त दिला दी। इसके बाद जर्मनी ने भारतीय रक्षापंक्ति पर लगातार दबाव बनाकर कई पेनल्टी कार्नर हासिल किये लेकिन वे गोलकीपर बीचू देवी करिबाम की मुस्तैदी को नहीं भेद पाये। उन्होंने दूसरे क्वार्टर में जेट फ्लेशचुट्ज के पेनल्टी स्ट्रोक का शानदार बचाव किया। भारतीयों ने इसके बाद ज्यादातर जवाबी हमले के दम पर लगातार दो पेनल्टी कार्नर हासिल किया, जिसमें से 25वें मिनट में दूसरे पेनल्टी कार्नर पर मुमताज ने गोलकर टीम की बढ़त दोगुनी कर दी।
दो गोल से पिछड़ने के बाद जर्मनी की टीम ने आक्रमण जारी रखा लेकिन वे भारतीय रक्षापंक्ति को भेदने में सफल नहीं हुए। भारतीय टीम ने चौथे क्वार्टर में अपने खेल के स्तर को और बढ़ाया । टीम जर्मनी के सर्किल में कई बार पहुंचने के बावजूद गोल करने में सफल नहीं रही। जर्मनी ने मैच खत्म होने से तीन मिनट पहले ब्लेयूल ने रिवर्स शॉट लगाकर शानदार मैदानी गोल कर मैच में टीम की वापसी करायी लेकिन यह काफी साबित नहीं हुआ। इस प्रतियोगिता में भारत ने चार बार भाग लिया है जिसमें 2013 में कांस्य पदक उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।