शतरंज में भारत के लिए साल 2024 बेहद शानदार रहा। भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैंपियन बने। डी गुकेश के बाद भारत की आर वैशाली ने शानदार अंदाज में इस साल का समापन किया। इस तरह एक बार शतरंज की दुनिया में भारत का डंका बजा।
भारत की आर वैशाली ने विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैम्पियनशिप के महिला वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता और इस तरह से न्यूयॉर्क में रैपिड स्पर्धा में कोनेरू हम्पी के खिताब जीतने के बाद देश के खिलाड़ियों ने वर्ष 2024 के अंत में भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा। वैशाली ने क्वार्टर फाइनल में चीन की झू जिनर को 2.5-1.5 से हराया लेकिन सेमीफाइनल में वह चीन की एक अन्य प्रतिद्वंद्वी जू वेनजुन से 0.5-2.5 से हार गईं।
चीन का रहा दबदबा
इस प्रतियोगिता में पूरी तरह से चीन के खिलाड़ियों का दबदबा रहा। चीन की जू वेनजुन ने हमवतन लेई टिंगजी को 3.5-2.5 से हराकर विश्व खिताब जीता। पांच बार के विश्व चैंपियन और अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) के उपाध्यक्ष विश्वनाथन आनंद ने वैशाली को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी और कहा कि यह वर्ष को समाप्त करने का एक शानदार तरीका है।
आनंद ने एक्स पर लिखा- कांस्य पदक जीतने पर वैशाली को बधाई। उसने वास्तव में शानदार प्रदर्शन किया। हमारे वाका शतरंज सलाहकार (वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी) ने हमें गौरवान्वित किया है। यह वर्ष 2024 का समापन करने का शानदार तरीका था। ओपन कैटेगिरी में दुनिया के नंबर एक मैग्नस कार्लसन और रूस के इयान नेपोम्नियाचची ने ब्लिट्ज़ खिताब साझा किया, क्योंकि सडन-डेथ की तीन बाजियों के बाद भी कोई स्पष्ट विजेता नहीं बन पाया। यह पहला अवसर है जबकि खिताब दो खिलाड़ियों में बांटा गया।
(Input- PTI)