Highlights
- भारत ने फाइनल में इंडोनेशिया को हराकर पहली बार थॉमस कप जीता
- 1952 में पहली बार इस प्रतियोगिता में शामिल हुआ था भारत
- 13वीं बार इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर चैंपियन बनी टीम इंडिया
भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने 15 मई 2022 को अपना नाम इतिहास के पन्नों पर अमर कर दिया। थाइलैंड के बैंकॉक में आयोजित हुए थॉमस कप 2022 के एकतरफा फाइनल में भारत ने 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर पहली बार थॉमस कप का खिताब जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट के इतिहास का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 74 साल बाद पहली बार खिताब अपने नाम किया। भारतीय टीम ने पहली बार 1952 में इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था और 1948 में इसकी शुरुआत हुई थी।
इस एतिहासिक प्रदर्शन से खेल के भारत का दर्जा भी बढ़ेगा। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट के इतिहास का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। टीम के लिए विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत के अलावा सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी ने यादगार जीत दर्ज की। खास बात यह रही कि खिताबी मुकाबले में भारत ने 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया की टीम को हराया और इतिहास रचा।
1952 से 2022 तक थॉमस कप में भारत का प्रदर्शन
थॉमस कप की शुरुआत इंग्लैंड के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी सर जॉर्ज एलन थॉमस ने की थी। वह फुटबॉल वर्ल्ड कप और टेनिस के डेविस कप की तर्ज पर बैडमिंटन में भी इस तरह के टूर्नामेंट का आयोजन करना चाहते थे। इसके बाद पहली बार 1948-49 में इंग्लैंड की सरजमीं पर यह टूर्नामेंट हुआ था। थॉमस कप पहले तीन साल में होता था, 1982 के बाद से यह दो साल के अंतराल में होने लगा।
- 1952- फाइनल राउंड इंटर-जोन (तीसरा स्थान)
- 1955- फाइनल राउंड इंटर-जोन (तीसरा स्थान)
- 1973- पहला राउंड इंटर-जोन (पांचवां स्थान)
- 1979- सेमीफाइनल
- 1988- ग्रुप स्टेज (8वां स्थान)
- 2000- ग्रुप स्टेज (7वां स्थान)
- 2006- क्वार्टर फाइनल
- 2010- क्वार्टर फाइनल
- 2014- ग्रुप स्टेज (11वां स्थान)
- 2016- ग्रुप स्टेज (13वां स्थान)
- 2018- ग्रुप स्टेज 10वां स्थान
- 2020 क्वार्टर फाइनल
- 2022- विजेता
भारतीय टीम ने कैसे मारी बाजी?
नॉकआउट चरण में लय हासिल करने के लिए जूझ रहे लक्ष्य ने सबसे महत्वपूर्ण मुकाबले में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए पहले एकल मैच में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी एंथोनी सिनिसुका गिनटिंग को 8-21 21-17 21-16 से हराकर भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई। सात्विक और चिराग की देश की शीर्ष पुरुष युगल जोड़ी ने इसके बाद प्रतिकूल हालात में शानदार वापसी करते हुए दूसरे गेम में चार मैच पॉइंट्स बचाए और मोहम्मद अहसन और केविन संजय सुकामुल्जो की जोड़ी को 18-21 23-21 21-19 से हराकर भारत की बढ़त को 2-0 किया।
दूसरे एकल में श्रीकांत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेम में 48 मिनट में 21-15 23-21 से हराकर भारत को 3-0 की विजयी बढ़त दिला दी। भारत ने इस तरह पूरे हफ्ते शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित टीम टूर्नामेंट का शानदार अंत किया जिसमें वह इससे पहले कभी फाइनल में नहीं पहुंचा था। लक्ष्य ने अपनी मानसिक मजबूती का परिचय दिया और अपने से बेहतर रैंकिंग वाले खिलाड़ी के खिलाफ पहला गेम गंवाने के बाद जीत दर्ज की। गिनटिंग के खिलाफ दो मैच में लक्ष्य की यह दूसरी थी।