Highlights
- फीफा ने मंगलवार को एआईएफएफ को बैन किया था
- थर्ड पार्टी के दखल का दिया था हवाला
- अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी भी छीनी
Supreme Court on FIFA Ban: विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संचालन संस्था फीफा ने मंगलवार को तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही उसने भारत से अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार भी छीन लिए। इस पूरे घटनाक्रम के बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर पहुंची, जहां आज यानी बुधवार को सुनवाई हुई।
उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के बाद केंद्र से विश्व कप भारत में कराने और एआईएफएफ का निलंबन हटाने के लिये जरूरी उपाय करने के लिये कहा और मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक टाल दी। उधर केंद्र ने इस मामले में कहा कि भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप कराने को लेकर फीफा से उसकी बातचीत जारी है ।
न्यायालय में न्यायमूर्ति डी वाय चंद्रचूड, ए एस बोपन्ना और जे बी परीदवाला की पीठ को सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सरकार और प्रशासकों की समिति ने फीफा के साथ दो बैठकें की है और भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप कराने के प्रयास जारी है। उन्होंने मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक स्थगित करने का अनुरोध किय ताकि एआईएफएफ के सक्रिय पक्षों के बीच सहमति बन सके।
मेहता ने कहा कि न्यायालय के यह कहने से काफी मदद मिलेगी कि सभी पक्ष मामले का हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि अंडर 17 बच्चों के लिये यह बड़ा टूर्नामेंट है और उसे इसी से सरोकार है कि टूर्नामेंट भारत में हो। पीठ ने कहा कि कोई बाहरी इसमें दखल देगा तो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पीठ ने केंद्र से इस मसले पर सक्रिय भूमिका निभाने और एआईएफएफ का निलंबन हटाने में मदद के लिये कहा।
गौरतलब है कि भारत को 11 से 30 अक्टूबर के बीच फीफा प्रतियोगिता की मेजबानी करनी थी। यह पिछले 85 साल के इतिहास में पहला अवसर है जबकि फीफा ने एआईएफएफ पर प्रतिबंध लगाया। फीफा ने कहा था कि निलंबन तुरंत प्रभाव से लागू होगा।
बता दें कि न्यायालय ने दिसंबर 2020 से चुनाव नहीं करवाने के कारण 18 मई को प्रफुल्ल पटेल को एआईएफएफ के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और एआईएफएफ के संचालन के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए आर दवे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) का गठन किया था। इसके बाद से ही प्रतिबंध लगने की आशंका जताई जा रही थी।