Friday, November 22, 2024
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सानिया मिर्जा ने गीली आंखों के साथ ग्रैंड स्लैम को कहा अलविदा, देखें Video

भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने ग्रैंड स्लैम के फाइनल में मिली हार के बाद आंखों में आंसू लिए अपने ग्रैंड स्लैम करियर को खत्म किया।

Edited By: Rishikesh Singh
Updated on: January 27, 2023 14:30 IST
Sania Mirza- India TV Hindi
Image Source : TWITTER/GETTY सानिया मिर्जा

भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने नम आंखों के साथ अपने ग्रैंड स्लैम करियर को अंत दिया। ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट के मिक्सड डबल्स में मिली हार के बाद सानिया अपने सांतवें ग्रैंड स्लैम खिताब से चूक गईं। शुक्रवार को हुए फाइनल मुकाबले में सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस की ब्राजीलियाई जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा। सानिया मैच के बाद भावुक हो गई और बमुश्किल अपने आंसू थाम पाई। सानिया ने अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए इमोशनल अंदाज में कई बाते कही।

इमोशनल हुई सानिया

सानिया ने अपने करियर में छह ग्रैंडस्लैम खिताब जीते हैं जिसमें तीन महिला डबल्स और इतने ही मिक्सड डबल्स खिताब शामिल हैं। सानिया और बोपन्ना की जोड़ी को रॉड लेवर एरेना में खेले गए फाइनल में लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस के हाथों 6-7 (2) 2-6 से हार का सामना करना पड़ा। सानिया मैच के बाद इमोशनल नजर आईं। उन्होंने कहा अगर मैं रोती हूं तो यह खुशी के आंसू होंगे। मुझे अभी दो और टूर्नामेंट में हिस्सा लेना है लेकिन मेरे पेशेवर करियर की शुरुआत मेलबर्न से हुई थी। सानिया ने बोपन्ना का आभार व्यक्त करते हुए कहा मिक्सड डबल्स में रोहन मेरा पहला जोड़ीदार था। तब मैं 14 साल की थी और हमने राष्ट्रीय खिताब जीता था। यह 22 साल पुरानी बात है और मैं अपने करियर का अंत करने के लिए उससे बेहतर व्यक्ति के बारे में नहीं सोच सकती। वह मेरा सर्वश्रेष्ठ मित्र और मेरे सर्वश्रेष्ठ जोड़ीदारों में से एक हैं। 

क्या बोली सानिया

सानिया अभी 36 साल की हैं और उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि दुबई में अगले महीने होने वाली डब्ल्यूटीए प्रतियोगिता उनके करियर का आखिरी टूर्नामेंट होगा। वह भारत की सबसे सफल महिला टेनिस खिलाड़ी हैं। सानिया ने महेश भूपति के साथ मिलकर 2009 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन और 2012 में फ्रेंच ओपन का मिक्सड डबल्स खिताब जीता था। उन्होंने 2014 में ब्राजील के ब्रूनो सोरेस के साथ मिलकर अमेरिकी ओपन का मिक्सड डबल्स खिताब अपने नाम किया था। रॉड लेवर एरेना में उनका रिकॉर्ड अच्छा रहा है। उन्होंने यहां महिला डबल्स और मिक्सड डबल्स का खिताब जीता है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई ओपन में वह चार बार उपविजेता भी रही है। 

सानिया ने कहा मैंने 2005 में 18 साल की उम्र में यहां शुरुआत की थी और तब मैं सेरेना विलियम्स के खिलाफ खेली थी। मुझे यहां बार-बार आने और कुछ टूर्नामेंट में जीत दर्ज करने का सौभाग्य मिला और मैंने यहां कुछ अच्छे फाइनल खेले। रॉड लेवर एरेना निश्चित तौर पर मेरी जिंदगी में विशेष स्थान रखता है तथा अपने ग्रैंडस्लैम करियर का अंत करने के लिए इससे बढ़िया स्थान कोई नहीं हो सकता। उनके बेटे इजहान और परिवार के अन्य सदस्यों की उपस्थिति ने इस मौके को खास बना दिया था। सानिया ने कहा मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने बेटे के सामने ग्रैंडस्लैम फाइनल खेलूंगी इसलिए यह मेरे लिए खास है। मेरा चार साल का बेटा यहां है और मेरे माता-पिता यहां हैं। रोहन की पत्नी, मेरा ट्रेनर और मेरा परिवार ऑस्ट्रेलिया में है जिससे मुझे यहां घर जैसा माहौल लग रहा है। 

कैसा रहा मैच

भारतीय जोड़ी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पहले गेम में ही उन्होंने अपनी सर्विस गंवा दी। लेकिन भारत के इन दोनों अनुभवी खिलाड़ियों ने लगातार तीन गेम जीतकर अच्छी वापसी की और जल्द ही 5-3 से बढ़त हासिल कर ली। बोपन्ना की खराब सर्विस के कारण हालांकि उन्हें टाईब्रेकर तक जाना पड़ा। ब्राजील की जोड़ी ने अपनी लय हासिल कर ली थी और उन्होंने टाईब्रेकर में जीत दर्ज करने के बाद दूसरे सेट में भी अपना दबदबा बनाए रखा। सानिया इस बीच चौथे और आठवें गेम में अपनी सर्विस नहीं बचा पाई थी।

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