भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने शनिवार को कजाखस्तान के रखत कालजान के खिलाफ दबदबे भरा प्रदर्शन करते हुए फाइनल में तकनीकी श्रेष्ठता के बूते जीत दर्ज की और एशियाई चैम्पियनशिप में लगातार तीसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया। टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि ने अपने सभी मुकाबलों में शुरू में बढ़त गंवा दी थी, लेकिन उन्होंने शानदार तरीके से वापसी करते हुए पुरुष फ्रीस्टाइल स्पर्धा में सभी प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ दिया। यह उनका सत्र का दूसरा फाइनल था।
उन्होंने फरवरी में डान कोलोव स्पर्धा में रजत पदक जीता था। सोनीपत के नहरी गांव के रहने वाले ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि ने एक बार फिर अपनी शारीरिक क्षमता और रणनीतिक श्रेष्ठता का परिचय देते हुए पुरुषों के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल में पहले जापान के रिकुतो अराई को हराया और बाद में मंगोलिया के जानाबाजार जंदनबुड पर 12-5 से शानदार जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनाई। खिताबी भिड़ंत में कलजान ‘टेक डाउन’ से आगे हो गए थे और काफी समय तक उन्होंने भारतीय पहलवान को कोई अंक नहीं लेने दिया। लेकिन अपनी शैली के अनुरूप रवि ने तकनीकी श्रेष्ठता की बदौलत मुकाबले पर दबदबा बनाना शुरू कर दिया।
उन्होंने छह लगातार ‘टू-प्वाइंटर’ हासिल किए और इस दौरान खुद को ‘लेफ्ट-लेग अटैक’ से भी बचाया जिससे यह मुकाबला दूसरे पीरियड के शुरू में ही खत्म हो गया और भारत ने इस साल टूर्नामेंट का पहला स्वर्ण पदक जीत लिया। रवि ने दिल्ली में 2020 चरण में और पिछले साल अलमाटी में भी स्वर्ण पदक जीता था।