भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा फिडे विश्व कप शतरंज के फाइनल में क्लासिकल मुकाबले बराबरी पर रहने के बाद दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन से 1.5 और 0.5 से हार गए। कार्लसन पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब जीते हैं, लेकिन फाइनल मुकाबले में उन्हें 18 साल के प्रज्ञानानंदा से कड़ी चुनौती मिली। प्रज्ञानानंदा शतरंज वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने वाले सबसे युवा खिलाड़ी और दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद सिर्फ दूसरे भारतीय हैं। हारकर भी उन्हें मोटी रकम मिली है।
प्रज्ञानानंदा को मिले इतने रुपये
FIDE शतरंज वर्ल्ड कप का खिताब जीतने के लिए नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन को 110K अमेरिकी डॉलर (लगभग 90,93,551 रुपये) मिले हैं। वहीं, आर प्रज्ञानानंदा को उपविजेता रहने के लिए 80,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 66,13,444 रुपये) की भारी रकम मिली है। फाइनल हारने के बाद भी प्रज्ञानानंदा महान विश्वनाथन आनंद के बाद कैंडिडेट्स में जगह पक्की करने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।
शानदार फॉर्म में है प्रज्ञानानंदा
आर प्रज्ञानानंदा पिछले कुछ समय से शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और उन्होंने दिखाया है कि वह दबाव झेलने और चोटी के खिलाड़ियों को हराने में माहिर हैं। वह 10 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर और उसके दो साल बाद ग्रैंड मास्टर बन गए थे। प्रज्ञानानंदा ने 2019 में 14 साल और तीन महीने की उम्र में अपनी ईएलओ रेटिंग 2600 पर पहुंचा दी थी।
बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ किया कमाल
इसके बाद वह विभिन्न टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ते रहे। प्रज्ञानानंदा ने विशेषकर विश्वकप में दिखाया कि वह कभी हार नहीं मानते। दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा के खिलाफ उन्होंने अपने जज्बे का शानदार नमूना पेश किया तथा अपने से अधिक रेटिंग वाले खिलाड़ी को हराया। सेमीफाइनल में उनका मुकाबला विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फैबियानो कारूआना से था जिन्हें उन्होंने बेहतरीन तरीके से टाईब्रेकर में हराया।