भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने बैडमिंटन के क्षेत्र में खुब नाम कमाया है। उन्होंने हर बड़े टूर्नामेंट में देश का नाम रौशन किया है। लेकिन हर सफल खिलाड़ी के पीछे उसकी कड़ी मेहनत और कोचिंग का हाथ रहता है। दो बार की ओलंपिक खेलों की पदक विजेता पीवी सिंधु की सफलता के पीछे उनके कोरियाई कोच पार्क ताए-सैंग का सबसे बड़ा हाथ रहा। पार्क ताए-सैंग की कोचिंग में उन्होंने टोक्यो ओलंपिक और बमिर्ंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता। अब पीवी सिंधु ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने कोच संग नाता तोड़ दिया है।
इन्हें बनाया नया कोच
पीवी सिंधु अब 2003 में ऑल इंग्लैंड खिताब जीतने वाले मोहम्मद हाफिज हाशिम के साथ प्रशिक्षण लेंगी। हाफिज ने हैदराबाद स्थित अकादमी के साथ दो साल का कॉन्ट्रैक्ट किया है और वह वहां पुरुष और महिला खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंधु ने सुधित्रा बैडमिंटन अकादमी से सब कुछ सीखा है, वह सप्ताह में एक या दो दिन वहां प्रशिक्षण लेंगी।
क्या बोले पूर्व कोच
हाफिज हाशिम के 14 से 19 मार्च तक होने वाली ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप की तैयारी में सिंधु की मदद करने की उम्मीद है। हालांकि सिंधु ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा, लेकिन पार्क ताए-सैंग ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए सोशल मीडिया पर एक बयान दिया। उनके बयान से साबित होता है कि उनके अलग होने के फैसले का कारण फॉर्म में गिरावट और बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में नौवें स्थान पर काबिज भारतीय खिलाड़ी का खराब प्रदर्शन है।
खराब प्रदर्शन के कारण लिया फैसला
उन्होंने कहा कि सिंधु बदलाव चाहती हैं और उन्होंने नया कोच खोजने का फैसला किया। उन्होंने हाल के सभी मैचों में निराशाजनक प्रदर्शन किया है, और एक कोच के रूप में, मैं जिम्मेदार महसूस करता हूं। पार्क ताए-सैंग ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, वह बदलाव चाहती थी और उसने कहा कि वह नया कोच ढूंढेगी। मैंने उसके फैसले का सम्मान करने और उसका पालन करने का फैसला किया है।
पार्क ने 2024 में पेरिस में अगले ओलंपिक तक सिंधु के साथ नहीं होने पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा मुझे खेद है कि मैं अगले ओलंपिक तक उनके साथ नहीं रह सकता, लेकिन अब मैं दूर से उसका समर्थन करुंगा। पार्क ने कहा कि उन्होंने अपने पिता की बीमारी के कारण अपने मूल दक्षिण कोरिया में रहने की अवधि बढ़ा दी थी।
पार्क ताए-सैंग ने कहा, मैं कुछ दिन पहले हैदराबाद वापस आया था। और मैं उन सभी को धन्यवाद कहना चाहता हूं, जिन्होंने मेरे पिता की चिंता की। सच कहूं तो मेरे पिता की हालत अभी ठीक नहीं है। इसलिए मुझे भारत वापस आने में समय लग रहा था। उन्होंने कहा कि वह उनके (सिंधु) साथ हर पल को याद रखेंगे। सिंधु के पुलेला गोपीचंद अकादमी छोड़ने के बाद 2020 में सिंधु के कोच के रूप में पदभार संभालने वाले पार्क ने कहा, मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जो मुझे समर्थन और प्रोत्साहित कर रहे हैं।
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