PV Sindhu The Indian badminton star In Olympics: पेरिस ओलंपिक 2024 के महाकुंभ की शुरुआत 26 जुलाई से हो रही है। ओलंपिक को दुनिया के सबसे बड़े गेम्स में से एक माना जाता है। यहां दुनियभर के तमाम एथलीट मेडल के लिए आपस में भिड़ते हुए दिखाई देते हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय प्लेयर्स ने कमाल का प्रदर्शन किया था। तब भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 7 पदक अपने नाम किए थे, जो एक ओलंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। ओलंपिक के इतिहास में भारत के लिए पीवी सिंधु 2 मेडल जीतने वाली इकलौती महिला प्लेयर हैं।
सिंधु के कोच हैं पुलेला गोपीचंद
पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में एथलीटों के परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता वॉलीबाल प्लेयर थे। उनकी बहन नेशनल लेवल की हैंडबॉल खिलाड़ी थीं। लेकिन सिंधु ने इन दोनों ही गेम्स में किसी को भी नहीं चुना। बल्कि उन्होंने अपना करियर बैडमिंटन में बनाया और दुनियाभर में भारत का परचम फहराया। भारतीय बैडमिंटन के दिग्गज पुलेला गोपीचंद ने उनके कौशल को निखारा और आज वह किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं।
रियो ओलंपिक 2016 में जीता था रजत पदक
रियो ओलंपिक 2016 में सभी को बैडमिंटन की सुपरस्टार खिलाड़ी साइना नेहवाल से पदक की उम्मीद थी। लेकिन वह यूक्रेन की मारिया उलिटिना के खिलाफ हार के बाद ग्रुप स्टेज से बाहर हो गईं। इससे सभी को बैडमिंटन में पदक जीतने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन तब 21 साल की पीवी सिंधु स्टार बनकर उभरीं। उन्होंने अपने पहले मैच में लौरा सरोसी को 21-8, 21-9 से हराकर जल्द ही जीत हासिल की। इसके बाद उनका विजय अभियान नहीं रुका और उन्होंने सीधे फाइनल में जाकर ही दम ली।
फाइनल में पहुंचने वाली पहले भारतीय महिला प्लेयर
पीवी सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे की ताई त्जु यिंग को 21-13, 21-15 से हराया। इसके बाद सेमीफाइनल में उनका सामना नोजोमी ओकुहारा से हुआ। सेमीफाइनल में उनका दमदार प्रदर्शन देखने को मिला। उन्होंने 21-19, 21-10 से सीधे सेटों में जीत हासिल कर ली और फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। लेकिन फाइनल में उन्हें कैरोलिना मारिन से हार झेलनी पड़ी थी। वह भारत के लिए ओलंपिंक में बैडमिंटन में रजत पदक जीतने वाले पहले महिला प्लेयर बनी थीं।
टोक्यो ओलंपिक में जीता ब्रॉन्ज मेडल
इसके बाद टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में उन्हें हार झेलनी पड़ी। इसके बाद भी सिंधु ने मेडल की आस नहीं छोड़ी और ब्रॉन्ज मेडल के मैच के लिए चीन की हे बिंग जिओ को 21-13, 21-15 से हराया और कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। वह ओलंपिक के इतिहास में दो मेडल जीतने वाले पहली भारतीय महिला प्लेयर बनी थीं।
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