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Year Ender 2022: इस साल बदला IOA का चेहरा, पीटी उषा बनीं पहली महिला अध्यक्ष

Year Ender 2022: पीटी उषा भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। इसके अलावा इसी साल वह बीजेपी की राज्यसभा सांसद के तौर पर भी नामित हुई थीं।

Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Updated on: December 22, 2022 16:09 IST
पीटी उषा- India TV Hindi
Image Source : TWITTER पीटी उषा

Year Ender 2022: भारत की उड़नपरी पीटी उषा जब तक ट्रैक पर थीं उन्होंने कई बार भारतीय ध्वज का मान इंटरनेशनल स्तर पर बढ़ाया। अब जब वह ट्रैक से दूर हैं तब भी उन्होंने साल 2022 में एक नया इतिहास रच दिया। इस साल भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की तस्वीर बदल गई और पीटी उषा इसकी पहली महिला अध्यक्ष बनीं। पीटी उषा इस पद के लिए नामांकन भरने वाली इकलौती दावेदार थीं। उनकी यह उपलब्धि इस साल खेल की दुनिया में हुए सबसे बड़े बदलावों में से एक रही।

इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) के 95 साल के इतिहास में कभी कोई महिला इसकी अध्यक्ष नहीं बनी थीं। इतना ही नहीं कभी कोई एथलीट भी आईओए के टॉप पोजीशन तक नहीं पहुंचा था, लेकिन अब ये स्थिति बदल चुकी है। भारतीय ओलंपिक संघ का चेहरा अब बदल गया है। आईओए के नए संविधान का ड्राफ्ट बन चुका है। आईओए के संविधान के नए ड्राफ्ट को रिटायर्ड जस्टिस एल नागेश्वर राव ने 16 अगस्त 2022 को अंतिम रूप दिया था। इस ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा की गई सिफारिशों को आधार बनाया गया था। 

IOA के नए संविधान से साफ हुआ पीटी उषा का रास्ता

इसके अलावा नए संविधान के मसौदे को अमलीजामा पहनाने के लिए आईओसी के साथ भी कई मौकों पर विचार विमर्श किया गया। ऐसा इसलिए भी ताकि यह ओलंपिक चार्टर के बेसिक प्रिंसिपल के अनुरूप हो और ओलंपिक मूवमेंट को भी आगे बढ़ाए। आईओए के संशोधित संविधान में कुछ खास बदलाव किए गए हैं। भारतीय ओलंपिक संघ के संविधान के नए ड्राफ्ट में कई अहम सुधार किए गए। इन संशोधनों में महिलाओं को प्रशासनिक और वोटिंग पोजीशन में ज्यादा प्रतिनिधित्व देने की पहल की गई है। साथ ही, शानदार योग्यता रखने वाले आठ एथलीटों को आईओए में प्रतिनिधित्व देने की बात भी नए ड्राफ्ट में की गई है। उसी का परिणाम है कि पीटी उषा को अध्यक्ष पद मिला और उनका रास्ता इस पोजीशन के लिए साफ हुआ।

पीटी उषा के आईओए अध्यक्ष बनने से खेल प्रशासन में एक नए युग की शुरुआत हुई। एशियाई खेलों में कई पदक जीतने वाली और 1984 के लॉस एंजलिस ओलंपिक खेलों में 400 मीटर की हर्डल रेस में चौथे स्थान पर रहीं 58 वर्षीय उषा को चुनाव के बाद शीर्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। चुनाव उच्चतम न्यायालय से नियुक्त किए गए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज नागेश्वर राव की देखरेख में संपन्न हुए।

IOA में खत्म हुई गुटों की राजनीति

पीटी उषा के अध्यक्ष चुने जाने से आईओए में गुटों की राजनीति के कारण पैदा हुआ संकट भी समाप्त हो गया। आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने इस महीने चुनाव नहीं कराने की दशा में आईओए को निलंबित करने की चेतावनी दी थी। इन चुनावों को पहले दिसंबर 2021 में होना था। उषा का शीर्ष पद पर चुना जाना पिछले महीने ही तय हो गया था क्योंकि वह अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाली एकमात्र प्रत्याशी थीं। किसी ने भी उषा का विरोध नहीं किया। उन्हें जुलाई में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के लिए भी नामित किया था। 

पीटी उषा IOA प्रमुख बनने वाली पहली ओलंपियन

‘पय्योली एक्सप्रेस’ और ‘उड़न परी’ के नाम से मशहूर रहीं उषा को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था। आईओए के 95 साल के इतिहास में वह अध्यक्ष बनने वाली पहली ओलंपियन और पहली अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता भी हैं। उषा ने 2000 में संन्यास लेने से पहले भारतीय और एशियाई एथलेटिक्स में दो दशक तक अपना दबदबा बनाया था। वह महाराजा यादवेंद्र सिंह के बाद आईओए प्रमुख बनने वाली पहली एथलीट भी हैं। यादवेंद्र सिंह ने 1934 में एक टेस्ट मैच खेला था। वह 1938 से 1960 तक आईओए के अध्यक्ष रहे थे।

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