Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 में बैडमिंटन में भारत एक भी मेडल नहीं जीत पाया। मेंस सिंगल्स में भारत के लक्ष्य सेन चौथे स्थान पर रहे हैं। एक समय वह गोल्ड मेडल जीतने के बड़े दावेदार थे। ब्रॉन्ज मेडल के मैच में उन्हें ली जी जिया के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी। वहीं पीवी सिंधु को प्री-क्वार्टर फाइनल में हार झेलनी पड़ी थी। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी की जोड़ी क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ गई।
प्रकाश पादुकोण ने कही ये बात
लक्ष्य सेन के मेडल ना जीत पाने पर प्रकाश पादुकोण ने कहा कि वह अच्छा खेला, लेकिन मैं निराश हूं। उसने अहम मौके पर प्वाइंट्स गंवाए। उसे कुछ एरिया में काम करने की जरूरत है। बढ़त लेने के बाद भी लक्ष्य की हार से निराश हूं। बैडमिंटन से एक भी मेडल नहीं आया। हम बैडमिंटन में मेडल जीतने के दावेदार थे। हमारे कई अहम खिलाड़ी मैच हार गए। वह प्रेशर अच्छे से हैंडल नहीं कर पाए। हमारे पिछले ओलंपिक में भी ज्यादा मेडल उन प्लेयर्स से आए हैं, जिनसे हमने कुछ आस नहीं रखी थी। क्योंकि तब वह बिना प्रेशर के खेले थे और उन्होंने मेडल जीते। हमारे विदेशी कोच, विदेशी ट्रेनर भी हैं।
प्रेशर हैंडल करने के लिए बोले पादुकोण
प्रकाश पादुकोण ने कहा कि 1964 में मिल्खा सिंह और 80 के दशक में पीटी उषा के बाद, हमने कई खिलाड़ियों को चौथे स्थान पर देखा। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि प्लेयर्स को अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी। कम से कम इस ओलंपिक और पिछले ओलंपिक के रिजल्ट के लिए आप फेडरेशन और सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं, वो जो कुछ भी कर सकते थे। उन्होंने किया आखिरकार खिलाड़ियों पर जिम्मेदारी होती है कि वो उस समय अच्छा प्रदर्शन करें, जब सबसे ज्यादा जरूरत हो। ओलंपिक यही कि प्लेयर कैसे प्रेशर हैंडल करता है।
अगर आपकी की कोई जरूरत है और वह आपको दिया जाता है, तो उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। प्लेयर्स को खुद में झांकने की जरूरत है कि क्या वे पर्याप्त मेहनत कर रहे हैं। क्योंकि इन सभी खिलाड़ियों के पास अपने स्वयं के फिजियो और सभी सुविधाएं हैं।
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