इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की 141वीं बैठक भारत में हो रही है। भारत 40 साल बाद IOC की बैठक की मेजबानी कर रहा है। इससे पहले 1983 में दिल्ली में इस बैठक का आयोजन हुआ था। बीजिंग में हुई पिछली बैठक में ये फैसला हुआ था कि अगली बैठक भारत में होगी। भारत ने अभी तक एक बार भी ओलंपिक की मेजबानी नहीं की है। IOC की मौजूदा बैठक में भारत ओलंपिक 2036 की मेजबानी हासिल करने के लिए बोली की तैयारी कर रही है। IOC की 141वीं बैठक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और ओलंपिक मेजबानी को लेकर उन्होंने बड़ी बात कही है।
PM नरेंद्र मोदी ने कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत 2036 ओलंपिक का आयोजन देश में करने के लिये अपने प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। क्योंकि यह 140 करोड़ भारतीयों का सपना है। उनकी आकांक्षा है। इस सपने को हम आपके सहयोग से पूरा करना चाहते हैं। इससे पहले भारत 2029 में होने वाले युवा ओलंपिक की मेजबानी का भी इच्छुक है। मुझे विश्वास है कि भारत को आईओसी का निरंतर सहयोग मिलता रहेगा। भारत बड़े स्तर पर वैश्विक आयोजन की मेजबानी के लिए तैयार है। यह दुनिया ने जी20 की मेजबानी के दौरान देखा है।
40 साल बाद भारत में हो रही बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 40 साल बाद भारत में आईओसी की बैठक होना हमारे लिए बहुत गौरव की बात है। बीते सालों में भारत ने हर प्रकार के वैश्विक खेल टूर्नामेंट आयोजित करने के अपने सामर्थ्य को साबित किया है। हमने हाल ही में शतरंज ओलंपियाड का आयोजन किया जिसमें विश्व के 186 देश शामिल हुए। हमने महिला फुटबॉल अंडर-17 विश्व कप, पुरुष हॉकी विश्व कप, निशानेबाजी विश्व कप की भी मेजबानी की। भारत हर साल दुनिया में सबसे बड़ी क्रिकेट लीग का भी आयोजन करता है। उत्साह के इस माहौल में सब यह सुनकर भी खुश हैं कि आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने क्रिकेट को 2028 ओलंपिक में शामिल किये जाने का प्रस्ताव रखा है। उम्मीद है जल्दी ही हमें इस बारे में बड़ी खुशखबरी सुनने को मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खेल हमारे ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भाव को भी सशक्त करते हैं। इसलिए हमारी सरकार हर स्तर पर खेल को बढावा देने के लिए काम कर रही है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया विंटर गेम्स और जल्द आयोजित होने वाले खेलो इंडिया पैरा खेल इसके उदाहरण हैं। खेल सिर्फ पदक जीतने का नहीं, बल्कि दिलों को जीतने का माध्यम है। खेल सबका है और सबके लिए है। खेल सिर्फ चैम्पियन ही तैयार नहीं करते बल्कि विश्व को शांति, प्रगति और कल्याण की ओर भी अग्रसर करते हैं।
(Input: PTI)
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