पेरिस पैरालंपिक में 7वें दिन भारत के सचिन खिलारी ने पुरुषों के शॉट पुट एफ46 कैटेगिरी में सिल्वर मेडल जीत लिया है। ये आज के दिन का पहला मेडल है। इस सिल्वर मेडल जीतने के साथ ही सचिन 40 साल में पैरालंपिक शॉट-पुट मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट बन गए हैं। इससे पहले 1984 में भारत को मेन्स शॉटपुट में पहला मेडल आया था। सचिन के इस मेडल के साथ ही भारत के मेडल की संख्या 21 पहुंच गई है। सचिन एशियाई रिकॉर्ड 16.32 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे। कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। क्रोएशिया के लुका बाकोविच के खाते में ब्रॉन्ज मेडल गया। सचिन ने इससे पहले वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 में एशियाई रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता था।
एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए जीता मेडल
34 वर्षीय खिलारी ने अपने दूसरे प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 16.30 मीटर का अपना ही एशियाई रिकार्ड तोड़ा। उन्होंने ये रिकॉर्ड मई 2024 में जापान में हुई वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतते हुए बनाया था। खिलारी का सिल्वर मेडल मौजूदा पैरा गेम्स में पैरा-एथलेटिक्स में आया 11वां मेडल है। उन्होंने पिछले साल चीन में हुए एशियन पैरा गेम्स में भी गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था। F46 कैटेगिरी उन एथलीटों के लिए है जिनके हाथ में कमजोरी, कमजोर मसल्स या हाथों के मूवमेंट में कमी होती है। इसमें एथलीट खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं।
शॉट पुट में आया तीसरा मेडल
सचिन खिलारी पैरालंपिक के इतिहास में शॉट पुट में मेडल जीतने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय एथलीट हैं। इससे पहले 1984 में जोगिंदर सिंह बेदी ने ब्रॉन्ज मेडल और महिला एथलीट दीपा मलिक ने 2016 रियो पैरालंपिक में जीता था। अब 8 साल बाद ये तीसरा मेडल आया है।