Thursday, September 12, 2024
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Paris Paralympics 2024: पैरा शूटर अवनी लेखरा ने रचा इतिहास, गोल्ड मेडल पर किया कब्जा, मोना को मिला ब्रॉन्ज

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का खाता खुल गया। एक साथ 2 मेडल भारत की झोली में आ गए हैं। स्टार पैरा शूटर अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया।

Reported By: Vanson Soral @VansonSoral
Updated on: August 30, 2024 18:20 IST
Paris- India TV Hindi
Image Source : GETTY अवनी लेखरा

पेरिस पैरालंपिक 2024 में दूसरे दिन भारत का शानदार अंदाज में खाता खुल गया है। भारत की झोली में एक साथ 2 मेडल आ गए हैं। स्टार पैरा शूटर अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाल दिया है। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 फाइनल इवेंट में गोल्ड मेडल पर निशाना लगाया। वहीं, मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। एक ही इवेंट में 2 मेडल जीतकर भारत के पैरा एथलीट ने पेरिस पैरालंपिक में शानदार आगाज किया है। 

इससे पहले अवनी लेखरा ने क्वालिफिकेशन राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल का टिकट हासिल किया था। अवनी क्वालिफिकेशन राउंड में 625.8 के स्कोर के साथ दूसरा स्थान पर रहीं थी और पैरालंपिक रिकॉर्ड से चूक गई थी। उनका स्कोर पैरालंपिक रिकॉर्ड से केवल 0.2 प्वाइंट कम था। वहीं, मोना 623.1 के स्कोर के साथ पांचवें नंबर पर रहीं थी।

लगातार 2 गोल्ड जीत रचा कीर्तिमान

बता दें, अवनी लेखरा जयपुर की रहने वाली हैं और स्टार पैरा शूटर हैं. अवनी पहली बार उस समय सुर्खियों में आई थी जब तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में एसएच1 कैटेगिरी में उन्होंने गोल्ड मेडल जीतने का बड़ा कारनामा किया था। उनके नाम एक ही पैरालंपिक में दो मेडल जीतने का रिकॉर्ड है। टोक्यो पैरालंपिक में उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड मेडल जीता था जबकि 50 मीटर राइफल थ्री-पोजीशन में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। पेरिस में अब मेडल जीतने के साथ ही अब वह लगातार 2 पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पैरा एथलीट बन गईं हैं।

अभिनव बिंद्रा से ली प्रेरणा

12 साल पहले अवनी का एक भयंकर कार एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी थी. इस चोट के चलते उनके शरीर के निचले हिस्से में पैरालिसिस हो गया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अभिनव बिंद्रा की आत्मकथा से प्रेरणा लेकर उन्होंने शूटिंग की  प्रैक्टिस शुरू की और अब लगातार 2 पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर नया इतिहास रच दिया है। कार दुर्घटना में शरीर के निचले हिस्से में गंभीर चोट के बाद से अवनी व्हीलचेयर का इस्तेमाल करती है। शूटिंग में एसएच1 श्रेणी में ऐसे निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जिनकी बांहों, निचले धड़, पैरों की गति प्रभावित होती है या उनके हाथ या पैर में विकार होता है।

(Inputs- PTI)

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