ओलंपिक 2024 का आयोजन फ्रांस की राजधानी पेरिस में किया जा रहा है। ओलंपिक में इस बार कुल 10,500 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। इस सभी एथलीटों की निगाहें अपने देश के लिए मेडल जीतने पर होंगी। भारत की ओर से 117 एथलीट पेरिस गए हैं। इस बार ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी का आयोजन पेरिस की सीन नदी पर किया गया था। वही सीन नदी जिसे लेकर काफी विवाद हुआ। एक बार फिर से यह नदी विवादों में आ गई है। पेरिस दो हिस्सों में बांटने वाली यह नदी अब अपने पानी के खराब स्तर को लेकर चर्चा में आ गई है। दरअसल इस नदी पर ओलंपिक के कुछ इवेंट होने हैं। जिसके लिए खिलाड़ी प्रैक्टिस भी यहीं करेंगे, लेकिन पानी का स्तर खराब होने के कारण एथलीटों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
फिर विवादों में आई सीन नदी
सीन नदी के पानी का स्तर खराब होने से ओलंपिक ट्रायथलन की तैराकी इवेंट के लिए तैयारी लगातार दूसरे दिन रद्द कर दी गई है। आयोजकों ने उम्मीद जताई है कि मंगलवार को इस इवेंट के शुरू होने पर ट्रायथलीट इस नदी में तैराकी कर सकेंगे। वर्ल्ड ट्रायथलन, उसकी मेडिकल टीम और शहर प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि अगले 36 घंटों में धूप खिलने और तापमान बढ़ने से पानी की गुणवत्ता बेहतर होगी। विश्व ट्रायथलन ने पानी की गुणवत्ता की समीक्षा के लिए बैठक के बाद तैराकी का अभ्यास रद्द करने का फैसला किया।
अधिकारियों ने कहा कि उद्घाटन समारोह के दिन आई बारिश के कारण पानी की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ा है। सीन नदी का जल प्रदूषित होने के कारण पिछले सौ साल से यहां तैराकी पर प्रतिबंध है। ओलंपिक से पहले पानी को साफ करने के लियए आयोजकों ने 1.4 अरब यूरो खर्च किए हैं।
ओपनिंग सेरेमनी में हुई बारिश
इस बार ओलंपिक के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था जब ओपनिंग सेरेमनी का आयोजन किसी स्टेडियम में नहीं बल्कि स्टेडियम से बाहर किया गया था। वहीं ओलंपिक में सभी देशों का परेड भी सीन नदी पर किया गया था। यह भी एक कारण हो सकता है नदी के खराब स्तर होने का। ट्रायथलन के बारे में बताए तो यह एक ऐसा खेल है जिसमें एथलीट पहले स्विमिंग करते हैं। इसके बाद वह साइकिलिंग और अंत में रनिंग करते हैं। ऐसे में एथलीटों के लिए पानी का साफ रहना बहुत जरूरी है। इसमें एथलीट 1.9 किलोमीटर स्विमिंग करते हैं।