Highlights
- निकहत जरीन ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में बनाई जगह
- इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली 5वीं भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं
- इस सत्र के फाइनल में पहुंचने वाली एकमात्र भारतीय मुक्केबाज
भारत की 25 वर्षीय महिला मुक्केबाज निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने इंस्तांबुल में जारी वर्ल्ड मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है। इस सत्र में वह ऐसा करने वाली एकमात्र भारतीय रहीं। वहीं ओवरऑल छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम के अलावा सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी के बाद निकहत टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बनीं। उन्होंने 52 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल मैच में ब्राजील की कैरोलिन डि एलमेडा को 5-0 से हराया।
निकहत के अलावा दो अन्य मुक्कबाजों ने कांस्य पदक के साथ अपना सफर समाप्त किया। मनीषा मौन (57 किग्रा) और अपना डेब्यू करने वाली परवीन हुड्डा (63 किग्रा) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। मनीषा को टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इटली की इरमा टेस्टा के सामने 0-5 से हार झेलनी पड़ी और परवीन को आयरलैंड की एमी ब्रॉडहर्स्ट से 1-4 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
निकहत ने कैसे जीता यह मुकाबला
निकहत ने लगातार मुक्के जमाकर आक्रामक शुरूआत की जिससे ब्राजील की मुक्केबाज जूझती नजर आईं। तेलंगाना की 25 वर्षीय मुक्केबाज ने बेहतरीन ‘फुटवर्क’ से अपनी प्रतिद्वंद्वी को दूर ही रखा। तीसरे दौर में निकहत ने दूरी बनाकर आक्रमण करना जारी रखा और एलमेडिया को पास आने के लिए उकसाया और अंत में फाइनल में जगह बनाई। हैदराबाद की यह मुक्केबाज इस साल शानदार फॉर्म में है। वह फरवरी में प्रतिष्ठित स्ट्रैंदजा मेमोरियल में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनी थीं।
इस विश्व चैम्पियनशिप में निकहत का प्रदर्शन इतना शानदार रहा है कि उन्होंने अपने सारे मुकाबले 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से जीते हैं। वहीं 2019 एशियाई चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता मनीषा अपनी दूसरी विश्व चैम्पियनशिप में खेल रही थीं। भारतीय मुक्केबाज ने अपने से तकनीकी रूप से बेहतरीन प्रतिद्वंद्वी को ताकतवर मुक्कों से पछाड़ने की कोशिश की लेकिन टेस्टा का रक्षण बेहतरीन था। वहीं 22 वर्षीय परवीन का सामना अपने से कहीं अनुभवी मुक्केबाज से था जिन्होंने शारीरिक रूप से थकाऊ मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाया।
निकहत से गोल्ड की उम्मीद
इस टूर्नामेंट की बात करें तो भारत का इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में रहा है जब देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते थे। पिछले चरण में चार भारतीय मुक्केबाज पदक के साथ लौटी थीं जिसमें मंजू रानी ने रजत पदक जीता था जबकि मैरीकॉम ने कांस्य पदक के रूप में आठवां विश्व पदक अपने नाम किया था। इस सीजन में दो कांस्य के बाद निकहत से गोल्ड मेडल की उम्मीद है।