Neeraj Chopra Paris Olympics 2024: ओलंपिक 2024 में भारत अभी तक दो मेडल अपने नाम कर चुका है। ये दोनों मेडल ब्रॉन्ज के रूप में शूटिंग में आए हैं। अब भारत की जनता को कम से कम एक गोल्ड की तमन्ना है। वैसे तो बहुत सारे खिलाड़ी हैं, जो इसे पूरा करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन इस बीच सबसे ज्यादा उम्मीद जिस खिलाड़ी से है, वो हैं स्टार नीरज चोपड़ा। पेरिस ओलंपिक के चार दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी तक एथलेटिक्स के मुकाबले शुरू नहीं हुए हैं। अब एथलेटिक्स की बारी है। और जब एथलेटिक्स की बात आती है तो भाला फेंक में नीरज चोपड़ा का नाम इस वक्त सबसे पहले और सबसे ऊपर लिया जाता है। क्या नीरज चोपड़ा भारत के लिए एक और गोल्ड लेकर आ पाएंगे, ये तो बाद की बात है, लेकिन इतना जरूर है कि अगर वे अपना प्रदर्शन दोहराने में कामयाब रहे तो फिर इतिहास रच देंगे। चलिए आपको बताते हैं कि नीरज चोपड़ा किस दिन मैदान में नजर आएंगे और अगर गोल्ड आया तो वे क्या कीर्तिमान रचेंगे।
पेरिस ओलंपिक में अब एथलेटिक्स की बारी
पेरिस ओलंपिक 2024 में अब एथलेटिक्स की बारी है। मुकाबले गुरुवार से शुरू हो जाएंगे। भारत का एक बड़ा दल इस बार एथलेटिक्स में प्रतिभाग करने वाला है। बाकी सभी खिलाड़ियों के साथ ही भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा पर सभी की नजरें रहने वाली हैं। नीरज चोपड़ा भाला फेंक में अपने खिताब का बचाव करके भारतीय खेलों के इतिहास में नया अध्याय जोड़ने की कोशिश करेंगे। नीरज मामूली चोटों के कारण ओलंपिक से पहले अधिक टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाए थे। लेकिन अब वे पूरी तरह से फिट नजर आ रहे हैं। पेरिस ओलंपिक में उन्हें गोल्ड मेडल जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
नीरज चोपड़ा 8 अगस्त को रच सकते हैं इतिहास
नीरज चोपड़ा अगर आठ अगस्त को फिर से गोल्ड मेडल भारत को दिलाते हैं तो वह जैवलिन थ्रो में अपने खिताब का बचाव करने वाले दुनिया के पांचवें खिलाड़ी बन जाएंगे। इतना ही नहीं वे लगातार दो गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी बनने के बिल्कुल मुहाने पर हैं। इससे पहले एरिक लेमिंग (स्वीडन; 1908 और 1912), जॉनी मायरा (फिनलैंड; 1920 और 1924), जान जेलेजनी (चेक गणराज्य; 1992, 1996 और 2000) और एंड्रियास थोरकिल्डसन (नॉर्वे; 2004 और 2008) ही ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक की जैवलिन थ्रो में अपने खिताब का बचाव किया।
साल 2024 में अब तक केवल तीन टूर्नामेंट ही खेले हैं नीरज
नीरज चोपड़ा ने इस साल यानी 2024 में अब तक केवल तीन टूर्नामेंट में ही हिस्सा लिया है, लेकिन इसके बाद भी पूरी संभावना है कि वे भारत के लिए एक और गोल्ड जीतने का काम करेंगे। इसकी वजह ये भी है कि इंटरनेशनल लेवल पर उनका कोई भी दूसरा प्रतिद्वंदी इस सीजन उस तरह का प्रदर्शन नहीं कर पाया है, जिससे लगे कि नीरज पीछे रह जाएंगे। नीरज ने मई में दोहा डायमंड लीग में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने 88.36 मीटर के थ्रो के साथ दूसरा स्थान हासिल किया था, जो इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। उन्होंने इसके बाद एहतियात के तौर पर ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक से नाम वापस ले लिया, क्योंकि वह अपनी जांघ की मांसपेशियों में दर्द महसूस कर रहे थे। नीरज का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर है।
टोक्यो ओलंपिक के बाद अब तक 15 टूर्नामेंट खेल चुके हैं नीरज
टोक्यो ओलंपिक 2020 के बाद नीरज चोपड़ा ने जिन 15 प्रतियोगिताओं में भाग लिया, उनमें से केवल दो बार उन्होंने 85 मीटर से कम भाला फेंका। दोहा डायमंड लीग में चोपड़ा को हराने वाले और टोक्यो ओलंपिक के सिल्वर मेडल विजेता चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज्च, जर्मनी के जूलियन वेबर और पूर्व विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स एक बार फिर भारतीय सुपरस्टार के मुख्य प्रतिद्वंद्वी होंगे। इतना ही नहीं भारत के ही किशोर जेना भी अपनी चुनौती पेश करते हुए नजर आएंगे। किशोर जीना ने एशियाई खेलों में 87.54 मीटर थ्रो के साथ ओलंपिक कोटा हासिल किया था, लेकिन उसके बाद उन्हें 80 मीटर का आंकड़ा पार करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा का क्वालीफिकेशन राउंड छह अगस्त को होगा।
(pti input)
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