Highlights
- बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में अरशद नदीम ने जीता था गोल्ड मेडल
- नीरज चोपड़ा चोट के कारण नहीं ले पाए थे CWG 2022 में हिस्सा
- अरशद ने राष्ट्रमंडल खेलों में तोड़ा था नीरज चोपड़ा का रिकॉर्ड
Neeraj Chopra-Arshad Nadeem: टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा चोट के कारण बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाए थे। उनकी गैरमौजूदगी में उनके दोस्त और पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने 90.18 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इसके बाद नीरज चोपड़ा ने भी उन्हें बधाई दी और भविष्य के लिए एक तरीके से चेताया भी। दरअसल अरशद ने इंस्टाग्राम पर अपनी सफलता का वीडियो शेयर किया जिस पर नीरज चोपड़ा ने उन्हें बधाई भी दी।
अरशद नदीम ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि,"अल्लाह के करम और आप सब की दुआओं से 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में 91.18 मीटर (90.18 मीटर सही संख्या) की दूरी के साथ गोल्ड और गेम्स रिकॉर्ड। धन्यवाद!" इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए नीरज चोपड़ा ने लिखा कि,"गोल्ड मेडल जीतने और 90 मीटर की दूरी क्रॉस करके गेम रिकॉर्ड बनाने के लिए बधाई अरशद भाई। आगे के कम्पटीशन्स के लिए ऑल द बेस्ट।" गौरतलब है कि नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में जिस इवेंट में गोल्ड जीता था उसका हिस्सा अरशद भी थे।
अरशद ने तोड़ा था नीरज का रिकॉर्ड
टोक्यो ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने वाले अरशद नदीम ने भारतीय स्टार नीरज चोपड़ा के रिकॉर्ड को भी बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में तोड़ दिया था। टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड और वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने वाले नीरज ने अभी तक 90 मीटर की दूरी नहीं तय कर पाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इसी साल डायमंड लीग टूर्नामेंट के दौरान आया था, जब उन्होंने 89.94 मीटर का थ्रो किया था। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर के थ्रो से गोल्ड जीता था।
चोट की वजह से नीरज चोपड़ा हुए थे बाहर
यूजीन में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा सिल्वर मेडल जीतने के बाद चोटिल हो गए थे। ग्रोइन इंजरी के कारण वह बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं ले पाए। 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में नीरज ने गोल्ड मेडल जीता था। उनके मांसपेशियों में खिंचाव की दिक्कत की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें खेलों से दूर रहने का सुझाव दिया था। इसके बाद नीरज ने बर्मिंघम खेलों से अपना नाम वापस ले लिया था और भारत को सीधे-सीधे एक मेडल का नुकसान हुआ।