भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में अपने सफर का अंत ब्रॉन्ज मेडल जीतने के साथ किया। इस मुकाबले के बाद इंडियन हॉकी टीम के अहम सदस्य गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने 18 साल लंबे अपने करियर को भी अलविदा कहा। भारतीय टीम का पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला स्पेन की टीम के खिलाफ था जिसे उन्होंने 2-1 के अंतर से अपने नाम करने के साथ ओलंपिक के इतिहास में 52 साल बाद लगातार 2 ओलंपिक में पदक जीतने का कारनामा किया है। टीम इंडिया की इस शानदार जीत के बाद फॉरवर्ड में खेलने वाले मनदीप सिंह ने इंडिया टीवी से खास बातचीत करते हुए बताया कि पूरी टीम का लक्ष्य पीआर श्रीजेश को शानदार विदाई देने पर था।
हम देश के साथ-साथ श्रीजेश के लिए भी जीतना चाहते थे
मनदीप सिंह ने ने इंडिया टीवी के स्पोर्ट्स एडिटर समीप राजगुरु के साथ खास बातचीत में कहा कि हमारा टारगेट श्रीजेश पाजी के लिए मेडल जीतना था। हम देश के लिए भी जीतना था और साथ श्रीजेश के लिए भी। यह उनका आखिरी मुकाबला था तो हम सभी की कोशिश उनके लिए अच्छा प्रदर्शन करने की थी। हमने पहले मैच से ही काफी शानदार खेला है। हम 52 साल में पहली बार ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया की टीम को मात देने में कामयाब हुए। हमने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ लगभग पूरा मैच एक खिलाड़ी के बिना खेला लेकिन हम उसे भी जीतने में कामयाब हुए थे।
सेमीफाइनल में हार के बाद आखिर कैसे टीम इंडिया ने की वापसी
पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को सेमीफाइनल मुकाबले में जर्मनी की टीम के खिलाफ 3-2 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। इस मुकाबले में हार के बाद टीम इंडिया ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में शानदार खेल दिखाया। इसको लेकर मनदीप सिंह ने कहा कि हम सेमीफाइनल में अच्छा खेलने के बावजूद हार गए लेकिन हमारे दिमाग था कि अभी भी मेडल जीता जा सकता है। हमने खुद को ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए तैयार किया। स्पेन के खिलाफ 0-1 से पीछे होने के बावजूद हमें आत्मविश्वास था कि हम वापसी कर सकते हैं। हमने मौके बनाएं जिसमें पेनल्टी कॉर्नर मिलते ही हम गोल करने में कामयाब रहे।
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