Highlights
- लिंथोई चानाम्बाम ने रचा इतिहास
- लिंथोई चानाम्बाम ने वर्ल्ड कैडेट जूडो चैंपियनशिप में जीता गोल्ड
- लिंथोई चानाम्बाम बनीं पहली भारतीय वर्ल्ड चैंपियन जुडोका
Linthoi Chanambam: भारत की लिंथोई चानाम्बाम ने वर्ल्ड कैडेट जूडो चैंपियनशिप में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता। बोस्निया-हर्जेगोविना के साराजेवो में मिली इस जीत से वह टूर्नामेंट में किसी भी आयु वर्ग में पदक जीतने वाली देश की पहली जुडोका बन गईं। मणिपुर की 15 साल की चानाम्बाम ने ब्राजील की बियांका रेस को हराकर महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग में टॉप पोजीशन हासिल किया।
वर्ल्ड जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय लिंथोई चानाम्बाम
भारत ने मार्शल आर्ट्स में कॉमनवेल्थ लेवल के अलावा वर्ल्ड लेवल पर ज्यादा पदक अपने नाम नहीं किए हैं। लेकिन 16 साल की इस मणिपुरी खिलाड़ी ने वर्ल्ड कैडेट जूडो चैंपियनशिप में ऐतिहासिक गोल्ड अपने नाम करके देश को बेहतर भविष्य की उम्मीदें दे दी है। लिंथोई चानाम्बाम की इस शानदार जीत की जानकारी भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने दी। जुलाई में लिंथोई ने बैंकाक में एशियाई कैडेट और जूनियर जूडो चैंपियनशिप 2022 में 63 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का खाता खोला था।
पिछले 5 सालों में बदल गई जिंदगी- लिंथोई चानाम्बाम
इस जबरदस्त जीत के बाद वर्चुअल मीडिया कांफ्रेंस में लिंथोई ने कहा, ‘‘यह शानदार महसूस हो रहा है। यह शानदार अहसास है। ऐसा लग रहा है जैसे मैंने अपने दिल से सबकुछ किया और नतीजा आपके सामने है।’’ लिंथोई चानाम्बाम ने जूडो में अपने अब तक के सफर का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैंने 2014 से जूडो शुरू किया था और अक्टूबर 2017 में मैं बेल्लारी में इंस्पायर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (आईआईएस) में आई। पिछले पांच सालों में सभी से काफी सहयोग मिला और मेरी जिंदगी सचमुच बदल गई।’’
पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल जीतना लिंथोई चानाम्बाम का लक्ष्य
अब लिंथोई की निगाहें बड़े टूर्नामेंट में प्रदर्शन करने पर लगी हैं जिसमें पेरिस ओलंपिक 2024 भी शामिल हैं। उन्होंने भविष्य के लिए अपनी योजनाओं और लक्ष्य पर कहा, ‘‘मैं पेरिस में पदक जीतने के लिए अपना बेस्ट दूंगी लेकिन अगर पेरिस में नहीं हो सका तो निश्चित रूप से मैं 2028 ओलंपिक (लास एजिंल्स) में ऐसा कर सकती हूं।’’