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भारत के स्टार एथलीट का हुआ निधन, टोक्यो ओलंपिक में निभाई थी अहम भूमिका

भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में अहम भूमिका निभाने वाले स्टार एथलीट का बेंगलुरू में निधन हो गया।

Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Published : Dec 11, 2022 16:54 IST, Updated : Dec 11, 2022 16:54 IST
केनेथ पॉवेल
Image Source : TWITTER केनेथ पॉवेल

भारत के पूर्व ओलंपियन और 1970 एशियाई खेलों की चार गुणा 100 मीटर रिले में कांस्य पदक विजेता टीम के सदस्य केनेथ पॉवेल का रविवार को बेंगलुरू में निधन हो गया। उन्होंने 82 साल की उम्र में अंतिम सांश ली। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) ने यह जानकारी दी और उनके निधन पर शोक भी जताया। वह अर्जुन पुरस्कार विजेता भी रह चुके थे। 

उन्होंने 1964 के टोक्यो ओलंपिक के चार गुणा 100 मीटर रिले रेस में भी भारतीय टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। पॉवेल के निधन पर एएफआई अध्यक्ष आदिले सुमारिवाला ने कहा कि, केनेथ पॉवेल के निधन से खेल ने एक बेहतरीन धावक खो दिया है। उन्होंने कहा, "भारतीय एथलेटिक्स का कद 60 के दशक में केनेथ पॉवेल जैसे एथलीटों के प्रयासों के कारण बढ़ा, जिन्होंने नेशनल ओपन चैंपियनशिप और नेशनल इंटर-स्टेट चैंपियनशिप में स्प्रिंट स्पधार्ओं में 19 खिताब जीते।"

AFI अध्यक्ष ने आगे उनकी उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा,"उन्होंने 1962 में जर्काता में एशियाई खेलों के लिए मंजूरी नहीं मिलने की निराशा पर काबू पाया और टोक्यो में 1964 के ओलंपिक में भारतीय रिले टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी तरह, वह बैंकॉक में एशियाई खेलों के लिए नहीं चुने गए। लेकिन 1966 में, वह प्रेरित रहे और भारत को 1970 में बैंकॉक में रिले कांस्य पदक दिलाने में मदद की।"

कैसा था केनेथ पॉवेल का सफर?

20 अप्रैल, 1940 को कोलार में जन्मे, केनेथ पॉवेल की पहली बड़ी प्रतियोगिता कलकत्ता में 1957 के नेशनल स्कूल गेम्स थे, जहां वे तीसरे स्थान पर रहे। जब वह 19 वर्ष के थे, तब तक वह इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज के साथ काम करने के लिए बैंगलोर चले गए थे, जब उन्होंने रेंजर्स क्लब के कोच कृष्ण के तहत एथलेटिक्स को गंभीरता से लिया। केनेथ पॉवेल फरवरी 1963 में इलाहाबाद में उद्घाटन राष्ट्रीय अंतर-राज्य एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्प्रिंट डबल हासिल किया, 100 मीटर 10.8 सेकंड में और 200 मीटर 22.0 सेकंड में जीती। उन्होंने 1968 में मद्रास में इस उपलब्धि को दोहराया, 100 मीटर की दौड़ 10.7 सेकंड में और 200 मीटर की दौड़ 21.8 सेकंड में जीत ली।

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