भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच जेनेक शोपमैन ने 23 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा देते हुए सभी को चौंका दिया। जेनेक ने अपना रिजाइन हॉकी इंडिया के प्रेसिडेंट दिलीप टिर्की को सौंप दिया। इस साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय महिला टीम के क्वालिफाई नहीं करने के बाद से शोपमैन को लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। वहीं इसके अलावा उन्होंने भारत में महिलाओं का रहना कठिन है बयान भी कुछ दिन पहले दिया था जिसके बाद उनके रिजाइन देने की एक वजह ये भी मानी जा रही है।
महिला कोच और खिलाड़ियों के साथ होता भेदभाव
जेनेक शोपमैन ने अपने बयान में कहा था कि भारत में महिला कोच और खिलाड़ियों के साथ भेदभाव होता है। पिछले दो सालों में मुझे बहुत अकेलापन महसूस हुआ। मैं उस संस्कृति से आती हूं जहां महिलाओं का सम्मान किया जाता है और उन्हें महत्व दिया जाता है। मुझे यहां ऐसा महसूस नहीं होता। बता दें कि डच कोच ने 2021 में सोर्ड मरीन की जगह ली थी जिन्होंने टीम को तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर पहुंचाया था। शॉपमैन का अनुबंध इस साल पेरिस ओलंपिक के बाद अगस्त में समाप्त होना था। लेकिन उनकी हालिया आलोचनात्मक टिप्पणियों के बाद उम्मीद की जा रही थी कि वह इस पद पर जारी नहीं रहेंगी। हॉकी इंडिया (एचआई) ने बताया कि 46 वर्षीय कोच ने ओडिशा में एफआईएच हॉकी प्रो लीग के घरेलू चरण में टीम का अभियान खत्म होने के बाद हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
भारतीय महिला हॉकी में एक नया अध्याय शुरू करने का समय
हॉकी इंडिया की तरफ से जेनेक शॉपमैन के इस्तीफा देने के बाद जारी किए गए बयान में उन्होंने कहा कि हालिया ओलंपिक क्वालीफायर में निराशा के बाद उनके इस्तीफे ने हॉकी इंडिया के लिए महिला हॉकी टीम के लिए एक उपयुक्त मुख्य कोच की तलाश का मार्ग प्रशस्त कर दिया है जो 2026 में अगले महिला विश्व कप और 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए भारतीय टीम को तैयार कर सके। यह भारतीय महिला हॉकी में एक नया अध्याय शुरू करने का समय है जिसमें खिलाड़ियों की प्रगति हमारा फोकस है। शॉपमैन के कोच पद पर रहते हुए भारतीय टीम ने 74 मैच खेले हैं, जिसमें से उन्होंने 38 में जीत हासिल की, 17 ड्रा खेले और 19 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
(PTI INPUTS)
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