Sunday, December 22, 2024
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Year Ender 2022: भारतीय शूटर्स के लिए कहीं खुशी कहीं गम, रुद्रांक्ष ने पेरिस की उम्मीदों को रखा बरकरार

भारतीय निशानेबाजों को बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में जगह नहीं मिली क्योंकि शूटिंग इस ईवेंट से हटा दिया गया था।

Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Published : Dec 22, 2022 19:13 IST, Updated : Dec 22, 2022 19:13 IST
मनु भाकर और...
Image Source : TWITTER, SAI MEDIA मनु भाकर और रुद्रांक्ष पाटिल

Year Ender 2022: भारतीय निशानेबाजों के लिए साल 2022 बेहद निराशाजनक रहा है। इस साल पहले तो बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से शूटिंग की छुट्टी हुई और भारतीय निशानेबाजों के लिए यह एक बड़ा झटका था। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में भी भारत का 15 सदस्यीय शूटर्स का दल बिना किसी पदक के लौटा था। ऐसे में यह दो साल निश्चित ही भारतीय निशानेबाद याद नहीं रखना चाहेंगे। निराशा के बाद भारतीय दल के लिए राइफल शूटर रुद्रांक्ष पाटिल और ट्रैप निशानेबाज भवनीश मेंदीरत्ता ने एक खुशखबरी ला दी।

 

इन दो निशानेबाजों को मिला पेरिस का टिकट

राइफल निशानेबाज रुद्रांक्ष पाटिल ने सफलता की नई इबारत लिखी। दस मीटर एयर राइफल में चुनौती पेश करने वाले रुद्रांक्ष काहिरा में दिग्गज निशानेबाजों को पछाड़ते हुए विश्व चैंपियन बने और साथ ही पेरिस ओलंपिक 2024 का कोटा भी हासिल किया। रुद्रांक्ष की नजरें अब ओलंपिक में 2008 बीजिंग ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा की उपलब्धि की बराबरी करने पर टिकी हैं जो भारत के एकमात्र ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज हैं। रुद्रांक्ष के अलावा ट्रैप निशानेबाज भवनीश मेंदीरत्ता और 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में स्वप्निल कुसाले पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल करने में सफल रहे। 

भारतीय निशानेबाजी के परिदृश्य में पिछले कुछ वर्षों से लगातार युवा निशानेबाज सामने आए हैं और 2022 भी इससे अलग नहीं रहा। भारत के इस साल शूटिंग में प्रदर्शन के बाद काफी आलोचना दिखी और प्रशंसकों ने भारतीय राष्ट्रीय निशानेबाजी संघ से सवाल उठाए कि आखिर टोक्यो में क्या गलत हुआ था? टोक्यो में लचर प्रदर्शन के बाद मायूसी के बादलों को दूर करने के लिए कुछ नए चेहरों की जरूरत थी और यह काम किया रुद्रांक्ष ने। कुछ दिन पहले 19 बरस के हुए ठाणे के रुद्रांक्ष ने बिंद्रा की तरह ओलंपिक स्वर्ण को अपना लक्ष्य बना लिया है। 

मनु भाकर

Image Source : PTI
मनु भाकर

टोक्यो ओलंपिक के लिए किसी भारतीय ट्रैप निशानेबाज के क्वालीफाई नहीं कर पाने की निराशा को भी पीछे छोड़ा। यह 1992 से पहला मौका था जब ओलंपिक में ट्रैप और डबल ट्रैप स्पर्धा में भारत का एक भी निशानेबाज शिरकत नहीं कर रहा था। तीन कोटा स्थान हासिल करने के बाद भारतीय निशानेबाज जून 2024 तक चलने वाले क्वालीफिकेशन चक्र में और कोटा स्थान हासिल करने का लक्ष्य बनाएंगे। अगले साल अगस्त में होने वाली विश्व चैंपियनशिप और अक्टूबर में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप में भारतीय निशानेबाज दबदबा बनाने का प्रयास करेंगे। रुद्रांक्ष जैसे युवाओं के अलावा भारत के पास स्कीट निशानेबाज मेराज अहमद खान की तरह अनुभवी निशानेबाज भी हैं जिनके पास संभवत: ओलंपिक पदक हासिल करने का अंतिम मौका होगा।

ISSF वर्ल्ड कप 2022 में कैसा रहा प्रदर्शन?

हालांकि, इस साल ही टोक्यो में आयोजित इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन (ISSF) के वर्ल्ड कप में भारतीय निशानेबाजों का प्रदर्शन संतोषजनक था। भारत मेडल टैली में चीन के बाद दूसरे स्थान पर था। इस प्रतियोगिता में भारत ने 12 गोल्ड, 9 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। भारत के लिए युवा शूटर मनु भाकर और ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने इस साल की प्रतिस्पर्धा में गोल्ड मेडल के साथ शानदार प्रदर्शन किया था। कुछ इन शानदार प्रदर्शनों के दम पर हम उम्मीद कर सकते हैं कि पेरिस ओलंपिक 2022 में भारतीय शूटर्स का जलवा देखने को मिलेगा।

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