पेरिस ओलंपिक का काउंडटाउन शुरू हो चुका है और भारतीय दल इसके लिए पूरी तरह है। भारत ने पहली बार ओलंपिक में साल 1900 में हिस्सा लिया था। इस बार भारत 26वीं बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेगा। इस बार भारत के 111 एथलीट मेडल के लिए जोर लगाने उतरेंगे। टोक्यो ओलंपिक में कुल 124 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था और पिछली बार की तुलना में इस संख्या में गिरावट आई है। बता दें, ओलंपिक इतिहास की बात करें, तो भारत के नाम अब तक कुल 35 मेडल हैं। इस दौरान सिर्फ 3 भारतीय खिलाड़ी ही एक से ज्यादा मेडल जीत सके हैं।
नॉर्मन प्रिचर्ड ने पहले ही ओलंपिक में रचा था इतिहास
भारत ने पहली बार ओलंपिक में साल 1900 में हिस्सा लिया था जहां नॉर्मन प्रिचर्ड ने 200 मीटर स्प्रिंट और 200 मीटर बाधा दौड़ में सिल्वर मेडल जीते थे। वह भारत के पहले व्यक्तिगत मेडल जीतने वाले एथलीट भी थे। प्रिचर्ड 112 सालों तक ओलंपिक में भारत के एकमात्र व्यक्तिगत पदक विजेता बने रहे थे।
सुशील कुमार ने दोहराया था इतिहास
नॉर्मन प्रिचर्ड के बाद सुशील कुमार दूसरे भारतीय थे जिसने ओलंपिक में दो मेडल जीते थे। 2008 में सुशील कुमार ने कुश्ती में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वह पुरुषों की 66 किग्रा वर्ग में पहले दौर में हार गए लेकिन रेपेचेज के जरिए आगे बढ़ गए थे।भारतीय पहलवान ने ब्रॉन्ज मेडल के मैच में लियोनिद स्पिरिडोनोव को 3:1 से हराया था। इसके बाद सुशील ने 2012 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। वह स्वतंत्र भारत में 2 मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।
पीवी सिंधु ने पिछले ओलंपिक में रचा था इतिहास
पीवी सिंधु वो तीसरी भारतीय हैं जिसने ओलंपिक में दो मेडल जीते हैं, महिलाओं में वह इकलौती हैं। पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक 2016 में महिला एकल बैडमिंटन स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता था। वह इस दौरान ओलंपिक का फाइनल खेलने वाली पहली भारतीय शटलर भी बनीं थी। इतना ही नहीं, वह ओलंपिक मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय भी थीं। इसके बाद पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था और इतिहास रच दिया था। वह अब पेरिस ओलंपिक 2024 में भी भाग ले रही हैं।
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