Highlights
- भारत एफआईएच जूनियर पुरूष हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में शुक्रवार को छह बार की चैम्पियन जर्मनी से खेलेगा
- भारतीय टीम ने लगातार दूसरी बार टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाई
- दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में फ्रांस का सामना अर्जेंटीना से होगा
Junior Hockey WC: गत चैम्पियन भारत एफआईएच जूनियर पुरूष हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में शुक्रवार को छह बार की चैम्पियन जर्मनी से खेलेगा तो उसकी उम्मीदें मजबूत डिफेंस और ड्रैग फ्लिकरों के शानदार फॉर्म पर टिकी होंगी। टूर्नामेंट के पहले ही मैच में फ्रांस से 4-5 से हारने वाली भारतीय टीम ने अगले तीनों मैचों में शानदार प्रदर्शन करके लगातार दूसरी बार सेमीफाइनल में जगह बनाई। भारत ने क्वार्टर फाइनल में यूरोपीय दिग्गज बेल्जियम को 1-0 से हराया। यशदीप सिवाच, उपकप्तान संजय कुमार और शारदानंद तिवारी ने डिफेंस में शानदार प्रदर्शन किया। भारत के दोनों गोलकीपर प्रशांत चौहान और पवन ने बेल्जियम के खिलाफ शानदार खेल दिखाया और कई शर्तिया गोल बचाए।
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भारत के पास संजय, तिवारी, अराइजीत सिंह हुंडल और अभिषेक लाकड़ा के रूप में चार पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ हैं, जो भारतीय आक्रमण की ताकत भी हैं। बेल्जियम के खिलाफ भारत का विजयी गोल पेनल्टी कॉर्नर पर ही तिवारी की स्टिक से आया। क्वार्टर फाइनल में गोल नहीं कर सकने के बावजूद संजय भारत के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर हैं और फ्रांस तथा पोलैंड के खिलाफ दो हैट्रिक लगा चुके हैं। बेल्जियम के खिलाफ भारत की सफलता की कुंजी खिलाड़ियों का शांतचित्त होकर खेलना रही। दबाव के क्षणों में भी उन्होंने अपना आपा नहीं खोया और कोच ग्राहम रीड ने भी यह बात स्वीकार की। उन्होंने कहा ,‘‘ हमारा डिफेंस फ्रांस के खिलाफ पहले मैच की तुलना में काफी बेहतर था। हमने उस पर बहुत मेहनत की ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ दोनों गोलकीपरों ने शानदार प्रदर्शन किया। अभी भी हमें काफी मेहनत करनी है। हमें अपना फोकस बनाये रखना है और मैदान पर वर्तमान खेल पर ही पूरा ध्यान देना है। तैयारी से ही संयम आता है। अगर आप तैयारी के साथ उतरे हैं तो शांतचित्त होकर खेल सकते हैं।’
बेल्जियम के खिलाफ उत्तम सिंह ने अपने कौशल और रफ्तार का जबर्दस्त प्रदर्शन किया और कई मौके बनाये। टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे कप्तान विवेक सागर प्रसाद ने मिडफील्ड में मोर्चा संभाला। जर्मनी को हराना हालांकि उतना आसान नहीं होगा जिसकी नजरें आठ साल बाद विश्व खिताब फिर जीतने पर लगी होगी। जर्मनी ने आखिरी बार 2013 में दिल्ली में खिताब जीता था लेकिन उसके बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2016 में लखनऊ में रहा जब उसने कांस्य पदक जीता। रीड ने कहा ,‘‘जर्मनी को कभी कमतर नहीं आंका जा सकता । उन्होंने इतने साल में साबित कर दिया कि वे इस स्तर पर वे कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं । ’’ वहीं दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में फ्रांस का सामना अर्जेंटीना से होगा।