हॉकी वर्ल्ड कप 2023 में शुक्रवार को बेल्जियम और नीदरलैंड के बीच मुकाबला खेला गया। इस मैच में बेल्जियम ने नीदरलैंड को पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से हराकर वर्ल्ड कप के फाइनल में अपनी जगह बना ली। फाइनल में उनका सामना रविवार को जर्मनी से होगा। मैच की बात करे तो दोनों टीमें कलिंग स्टेडियम में हुए सेमीफाइनल में फुल टाइम के बाद 2-2 की बराबरी पर थी। मैच का फैसला पेनल्टी शूटआउट से हुआ, जहां बेल्जियम ने मैच को जीत लिया। उम्रदराज खिलाड़ियों की बेल्जियम को नीदरलैंड की युवा टीम ने कड़ी टक्कर दी लेकिन अनुभवी गत चैंपियन शूटआउट में विजेता रही। बेल्जियम में 11 खिलाड़ी 30 वर्ष से ज्यादा उम्र के हैं जबकि नीदरलैंड में आठ खिलाड़ी 25 साल के कम के हैं और दो खिलाड़ी ही 30 साल से ऊपर हैं।
ऐसे रहे सेमीफाइनल के मैच
जर्मनी ने पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हराया। शुक्रवार को अंतिम चार का मुकाबला 2018 का दोहराव रहा जिसमें बेल्जियम ने नीदरलैंड को इसी स्थल पर पेनल्टी शूटआउट में (3-2) हराया था जबकि दोनों टीमें नियमित समय में कोई गोल नहीं कर सकीं थीं। बेल्जियम के लिए नियमित समय में स्टार स्ट्राइकर टॉम बून (27वें मिनट) और निकोलास डि कर्पल (45वें मिनट) ने गोल किए जबकि नीदरलैंड की ओर से गोल पेनल्टी कॉर्नर के शानदार खिलाड़ी जिप यानसेन ने 12वें और 36वें मिनट में गोल दागे। शूटआउट में बेल्जियम के लिए विक्टर वेगनेज, आर्थर डि स्लूवर और फ्लोरेंट वान ऑबेल ने गोल किए जबकि टैनगॉय कासयिन्स चूक गए। नीदरलैंड के लिए जोनास डि गियूस और जोरिट क्रून सफल रहे जबकि थिस वान डैम, टेरेंस पीटर्स और सीव वान एस चूक गए। बेल्जियम 2019 यूरोपीय चैम्पियनशिप, 2020-21 एफआईएच प्रो लीग की विजेता है जबकि टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण के अलावा 2016 रियो डि जिनेरियो में रजत और 2018 वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीत चुकी है।
पहले सेमीफाइनल में स्टार ड्रैग फ्लिकर गोंजालो पिलाट की दूसरे हाफ में हैट्रिक से जर्मनी ने दो गोल से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 4-3 से हराकर पांचवीं बार फाइनल में प्रवेश किया। पिलाट ने 43वें, 52वें और 59वें मिनट में पेनल्टी कार्नर से गोल किए, जबकि ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ निकलास वेलेन (60वें) ने मैच खत्म होने से चंद सेकेंड पहले गोल कर ऑस्ट्रेलिया के खेमे को चौका दिया। ऑस्ट्रेलिया की टीम हाफ तक 2-0 से आगे थी। टीम के लिए जेरेमी हेवर्ड (12वें), नाथन एफ्राम्स (27वें) और ब्लेक गोवर्स (58वें) ने गोल किए। ऑस्ट्रेलिया अब रविवार को कांस्य पदक का मुकाबला खेलेगी। दो बार के चैंपियन जर्मनी ने नयी दिल्ली में 2010 सत्र के बाद पहली बार फाइनल में अपनी जगह पक्की की। तब टीम खिताबी हैट्रिक पूरा करने से चूक गयी थी। यह टीम 2002 और 2006 में चैंपियन बनी जबकि 1982 में भी रजत पदक जीता था।
जर्मनी ने इसके साथ ही टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिली 1-3 की हार का बदला भी ले लिया। तीन बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने से चूक गई। टीम 2018 में भी सेमीफाइनल मैच नीदरलैंड से हार गयी थी और कांस्य पदक जीता था। इससे पहले वे 2010 और 2014 में लगातार दो बार खिताब जीतने में सफल रहे थे। ऑस्ट्रेलिया 42वें मिनट तक 2-0 से आगे चल रही थी और ऐसा लग रहा था कि मैच का परिणाम उनके पक्ष में रहेगा। अर्जेंटीना के लिए 100 से अधिक मैच खेलने वाले पिलाट ने हालांकि इसके बाद मैच का रुख बदल दिया। अर्जेंटीना को 2016 ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले पिलाट अब जर्मनी के नागरिक है। उन्होंने आखिरी 18 मिनट में मैच का रुख ऑस्ट्रेलिया से जर्मनी की तरफ कर दिया।
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