भारतीय हॉकी टीम ने अपने आखिरी ग्रुप स्टेज मैच में वेल्स को 4-2 से हराया। इस जीत के बाद, पूल डी में भारत और इंग्लैंड दोनों के खाते में 7-7 अंक हैं लेकिन वह भारत से आगे पहले स्थान पर है। नियम के मुताबिक हर पूल से 2-2 टीमें क्वार्टरफाइनल में जाएगी जिसमें पहले स्थान पर रहने वाली टीम को डायरेक्ट क्वालीफिकेशन मिलेगा, लेकिन दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम को तीसरे पायदान की टीम से क्रॉस ओवर मुकाबला खेलना होगा। यानी भारतीय टीम को क्वार्टरफाइनल में जगह बनाने के लिए पूल सी की तीसरे नंबर की टीम न्यूजीलैंड का सामना करना होगा।
भारत को नहीं मिली बड़ी जीत
भारतीय टीम को हॉकी वर्ल्ड कप के क्वार्टरफाइनल में जगह बनाने के लिए वेल्स के खिलाफ कम से कम सात गोल के अंतर से जीत दर्ज करने की जरूरत थी। इतने बड़े अंतर से जीतने के बाद ही उसे क्वार्टरफाइनल में डायरेक्ट एंट्री मिल सकती थी लेकिन वह इसके आसपास भी नहीं पहुंच सकी। भारतीय टीम पूरे मैच में सिर्फ चार गोल दाग सकी। इस मैच के शुरू होने से पहले तक, वर्ल्ड कप में भारत के खाते में 2 गोल थे जबकि इंग्लैंड ने 9 गोल किए थे। मैच को भारत ने 4-2 से जीता और गोल डिफरेंस को घटाकर 9-4 तक ले जाने में कामयाबी हासिल की, जो क्वार्टरफाइनल में पहुंचाने के लिए काफी नहीं थी।
पूल में दूसरे पोजीशन पर रहा भारत
दरअसल, नियम के मुताबिक हर पूल से सिर्फ टॉप पर रहने वाली टीम को ही क्वार्टरफाइनल यानी नॉकआउट स्टेज में डायरेक्ट क्वालीफिकेशन मिल सकता है। इस आधार पर पूल डी में पहले स्थान पर रहने वाली इंग्लैंड की टीम को अंतिम आठ का टिकट मिला और भारत को अपनी योग्यता साबित करने के लिए एक और इम्तिहान देने की जिम्मेदारी मिली।
क्वार्टरफाइनल के लिए न्यूजीलैंड को हराना होगा
वर्ल्ड कप के नियम के मुताबिक, पूल में नंबर दो पर रहने वाली टीम को अंतिम आठ में जाने के लिए दूसरे पूल की नंबर तीन टीम के साथ क्रॉसओवर मैच खेलना पड़ता है। अब भारत को टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह पक्की करने के लिए न्यूजीलैंड को हराना होगा। न्यूजीलैंड ने पूल सी में ग्रुप स्टेज में सिर्फ एक जीत चिली के खिलाफ दर्ज की है जबकि मलेशिया और नीदरलैंड्स के हाथों उसे करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।