भारत की दो बेटियों ने हाल ही में दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कमाल का प्रदर्शन किया था और गोल्ड मेडल देश के लिए जीता था। हरियाणा की नीतू घनघस और स्वीटी बोरा ने इस चैंपियनशिप में तिरंगे का मान बढ़ाया था। इसके बाद हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने इन दोनों गोल्डन गर्ल्स को ईनामी राशि और सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। खास बात यह रही कि, चैंपियनशिप खत्म होने के बाद जैसे ही यह दोनों खिलाड़ी अपने राज्य पहुंची तो तुरंत इनका सम्मान किया गया। अक्सर आपने देखा होगा कि ओलंपिक या कॉमनवेल्थ खेलों के बाद इतना पुरस्कार दिया जाता है लेकिन नीतू ने बताया कि, ऐसा पहली बार हुआ कि बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतने पर सरकार ने सम्मान किया।
वहीं स्वीटी ने बताया कि, अक्सर देखा जाता है कि ईनाम की घोषणा हो जाती है पर इसको मिलने में सालों लग जाते हैं। पर मनोहर लाल खट्टर सरकार ने अपना वादा तत्काल रूप से पूरा किया और दोनों महिला बॉक्सर्स को सम्मानित किया। आपको बता दें कि, इन दोनों खिलाड़ियों को हरियाणा सरकार ने 40 लाख रुपए के नगद पुरस्कार के साथ सरकारी नौकरी का ऑफर दिया है। इस सम्मान के बाद दोनों ही खिलाड़ी बेहद खुश नजर आईं। दोनों का सम्मान करते हुए सीएम खट्टर ने उनसे मुलाकात की और कहा कि, यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हरियाणा खेल की दुनिया में आगे है। मुझे खुशी है कि हमारी दो बेटियों ने बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। उन्हें मेरी शुभकामनाएं।
सरकार का धन्यवाद
सरकार से सम्मानित होने के बाद स्वीटी बोरा ने कहा कि, मुझे खुशी है कि सीएम ने हमें सरकारी जॉब के ऑफर के साथ 40 लाख रुपए का नगद पुरस्कार दिया। यह हमारे राज्य और हर जगह की युवा खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा मैसेज देगा। वहीं नीतू घनघस बोलीं कि, मैं सीएम को हमारा सम्मान करने के लिए धन्यवाद कहती हूं। उन्होंने हमें जॉब लेटर के साथ 40 लाख रुपए का ईनाम दिया। यह पहला ऐसा मौका है जब नॉन ओलंपिक ईवेंट में इतना बड़ा प्राइज मनी दिया गया हो।
भारत को मिले थे 4 गोल्ड मेडल
गौरतलब है कि स्टार मुक्केबाज स्वीटी बोरा ने बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के 81 किग्रा वर्ग की फाइनल स्पर्धा में चीन की वांग लीना को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया था। तो इससे पहले नीतू घनघस (48 किग्रा) ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में मंगोलिया की लुत्साइखान अल्तानसेटसेग को हराकर भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता था। मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006), लेखा केसी (2006), और निकहत जरीन (2022) के बाद नीतू घनघस और स्वीटी बोरा ऐसा करने वाली छठी और सातवीं भारतीय खिलाड़ी बनी थीं। इस ईवेंट में नीतू और स्वीटी के अलावा भारत की लवलीना बोरगोहेन और निकहत जरीन ने भी गोल्डन पंच लगाए थे। यानी इस ईवेंट में भारत के पास कुल 4 गोल्ड मेडल थे।