FIFA World Cup 2022: इस साल का फीफा वर्ल्ड कप कतर में खेला जा रहा है। इस वर्ल्ड कप के लिए कतर ने 220 बिलियन डॉलर का खर्चा किया। कतर कोई फुटबॉलिंग नेशन नहीं है लेकिन फिर भी वह फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन करवा रहा है। किसी भी देश में ऐसे टूर्नामेंट के आयोजन के लिए बड़े स्टेडियम और इंफ्रास्क्चर की जरूरत होती है। कतर ने भी अपने देश में 12 सालों के अंदर शानदार इंफ्रास्क्चर को खड़ा कर दिया, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि वर्ल्ड कप के बाद इन स्टेडियम का क्या होगा। कतर तो कोई फुटबॉलिंग नेशन है नहीं जो इन बड़े स्टेडियमों का इस्तेमाल आगे चलकर कर सके। जैसे भारत में क्रिकेट को लेकर लोगों और खिलाड़ियों में क्रेज है, जिस वजह से भारत क्रिकेट वर्ल्ड कप के बाद भी अपने स्टेडियमों का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन कतर के साथ ऐसा नहीं है। तो आइए जानते हैं कतर अपने स्टेडियमों के साथ क्या करेगा।
फीफा वर्ल्ड कप में स्टेडियम 974 ने सात मैच की मेजबानी की। सोमवार को प्री क्वार्टर फाइनल में दक्षिण कोरिया पर ब्राजील की 4-1 की जीत के साथ इसने अपने अंतिम वर्ल्ड कप मुकाबले की मेजबानी कर ली। कतर के लोगों का कहना है कि ये स्टेडियम अब खत्म हो जाएगा लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा कब होगा। यह खाड़ी देश जल्द ही फुटबॉल एशियाई कप, एशियाई खेलों और शायद एक ओलंपिक भी आयोजित करेगा। विश्व कप स्टेडियमों के लिए फीफा की जरूरत और कतर के इन स्टेडियमों का क्या होगा इस पर एक नजर डालते हैं।
स्टेडियमों को लेकर क्या है फीफा की योजना?
फीफा के विश्व कप मेजबान के आयोजन स्थलों की योजना को लेकर स्पष्ट निर्देश हैं। मेजबान को एक मुख्य स्टेडियम तैयार करना होगा जो फाइनल की मेजबानी करेगा और इसकी क्षमता कम से कम 80,000 दर्शकों की हो। इसके अलावा कम से कम 60,000 दर्शकों की क्षमता वाला एक और स्टेडियम जो सेमीफाइनल की मेजबानी करे। इसके अलावा कम से कम 40,000 से अधिक दर्शकों की क्षमता वाले कुछ और स्टेडियम। हालांकि फीफा ने रूस को चार साल पहले दो स्टेडियम की क्षमता 35,000 से कम करने की स्वीकृति दे दी थी। कतर ने जब 2010 में मेजबानी के अधिकार के लिए बोली लगाई और उसे जीता तब उसने 12 स्टेडियम तैयार करने की योजना बनाई थी। तीन साल की तैयारियों के बाद हालांकि स्टेडियम की संख्या घटाकर आठ कर दी गई। इनमें से सात को पूरी तरह से नया बनाया जाना था जबकि ट्रैक एवं फील्ड में 2019 विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी वाले खलीफा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का नवीनीकरण किया जाना था।
कतर के कोई काम नहीं ये स्टेडियम
फीफा ने इसे स्वीकार कर लिया, लेकिन कतर के फुटबॉल को इतने सारे स्टेडियम की जरूरत नहीं थी। साथ ही कतर को 12 टीम की कतर स्टार्स लीग के लिए इतने बड़े स्थलों की जरूरत नहीं थी क्योंकि इन मुकाबलों के लिए कुछ हजार लोग ही स्टेडियम में पहुंचते हैं। बोली लगाने के दौरान वादा किया गया था कि टूर्नामेंट के बाद कुछ स्थलों से एक मंजिल को हटा दिया जाएगा। इससे निकलने वाले स्टील और सीटों को गरीब देशें को दान दिया जाना है जहां स्टेडियम के बुनियादी ढांचे की जरूरत है। कतर के स्टेडियमों की सही लागत स्पष्ट नहीं है लेकिन वर्ल्ड कप की तैयारी से जुड़ी परियोजनाओं पर कुल खर्च लगभग 220 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। यह स्पष्ट नहीं है कि स्टेडियम को तोड़ा जाएगा या इसकी क्षमता घटाई जाएगी तो वहां से निकलने वाले सामान का क्या होगा।
फीफा के बाद ओलंपिक करवाने के मुड में कतर!
कतर के वर्ल्ड कप के आयोजकों ने कहा है कि लुसैल स्टेडियम में स्कूल, दुकानें, कैफे, खेल सुविधाओं और स्वास्थ्य क्लीनिक खोले जाएंगे जबकि अल बायत स्टेडियम में एक पांच सितारा होटल, शॉपिंग मॉल और खेल दवा क्लीनिक खोला जाएगा। दो स्टेडियमों का उपयोग स्थानीय फुटबॉल क्लबों द्वारा किया जाएगा। अहमद बिन अली स्टेडियम अल रेयान क्लब का घर होगा और अल वाकराह की टीम अल जनोब में खेलेगी। खलीफा अंतररष्ट्रीय स्टेडियम कतर की राष्ट्रीय टीम के मैचों की मेजबानी कर सकता है जिसमें 2026 वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाइंग मुकाबले भी शामिल हैं। कुछ स्टेडियम का जनवरी 2024 में होने वाले अगले एशियाई कप के लिए दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
कतर को वर्ल्ड कप शुरू होने से एक महीने पहले आधिकारिक तौर पर एशियाई कप का मेजबान चुना गया। उसने चीन की जगह ली जो कोविड-19 महामारी का हवाला देकर जून 2023 में होने वाले टूर्नामेंट की मेजबानी से पीछे हट गया। हो सकता है कि 13 महीने में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप के मुकाबले स्टेडियम 974 में भी हों। कतर को 2030 एशियाई खेलों की मेजबानी के लिए भी स्थलों की आवश्यकता है। एशियाई खेल एक बहु-खेल चैंपियनशिप हैं जिसमें ओलंपिक से भी अधिक खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करते हैं। कतर इसके अलावा 2036 ओलंपिक की मेजबानी भी करना चाहता है।