FIFA World Cup 2022: कतर में खेले जा रहे फुटबॉल वर्ल्ड कप में मंगलवार रात हुए मुकाबले में अमेरिका ने ईरान को 1-0 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था। इस मैच में अमेरिका की जीत और अगले मैच में इंग्लैंड की वेल्स के खिलाफ 3-0 की जीत के बाद ग्रुप बी से इंग्लैंड और अमेरिका ने राउंड ऑफ 16 में जगह बना ली थी। वहीं ईरान और वेल्स की टीमें टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। ईरान की इस हार के बाद एक नया ही बवाल खड़ा हो गया। दरअसल ईरान में इन दिनों सरकार के खिलाफ काफी उग्र प्रदर्शन चल रहा है।
उसी बीच ईरान की वर्ल्ड कप में हार का जश्न मना रहे एक युवक की सुरक्षाबल द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। उस युवक का नाम महरान समक बताया गया जिसकी उम्र करीब 27 साल थी। कई मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार वह बांदर अंजाली जो कि तेहरान के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है, वहां अपनी कार के हॉर्न को तेज-तेज बजा रहा था। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो केक कटिंग के साथ जश्न मना रहा था। साथ ही ईरान के फुटबॉलर सईद इजातोलाही ने मृतक व्यक्ति को अपना दोस्त बताया है।
इजातोलाही ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में अपनी और मृतक समक की बचपन की फोटो शेयर की है। इसके अलावा उन्होंने स्थानीय भाषा में एक इमोशनल पोस्ट भी लिखा है। वहीं ओस्लो के संगठन ईरान ह्यूमन राइट्स ने दावा किया है कि समक को सुरक्षाबलों ने ईरान की हार का जश्न मनाने पर उसके सिर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा अमेरिका के भी संगठन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स इन ईरान ने भी इस बात की पुष्टि की है। हालांकि अब तक ईरान की ओर से इस कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
क्यों चल रहा है ईरान में विरोध प्रदर्शन?
दरअसल ईरान में प्रदर्शन महसा अमीनी की मौत के बाद उग्र हो गया था। महसा अमीनी उत्तर-पश्चिमी ईरानी शहर साकेज की एक कुर्द महिला थीं, एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उनके सिर पर डंडा मारा था और उनका सिर भी अपनी गाड़ी पर लड़ा दिया था। इसके बाद तेहरान के एक अस्पताल में वह तीन दिन तक कोमा में रहीं और फिर 16 सितम्बर को उनकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोप लगाया था कि अमीनी ने ड्रेस कोड का उल्लंघन किया है और हिजाब नहीं पहनने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वहीं प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया था कि महसा अमीनी के साथ दुर्व्यवहार किया गया था, जबकि पुलिस ने इस बात का खंडन किया था।
इस पूरे मामले पर पुलिस के अनुसार अमीनी को हार्ट अटैक आया था, जबकि उनके परिजनों ने इस बात को नकारा था। जब अमीनी की अंतिम यात्रा निकली थी तो साकेज की हजारों महिलाओं ने अपने हिजाब उतार फेंके थे और सरकार विरोधी नारे भी लगाए थे। गौरतलब है कि इससे पहले फीफा वर्ल्ड कप के अपने पहले मैच में ईरान फुटबॉल टीम ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था और अपने देश का राष्ट्रगान नहीं गाया था। हालांकि, अगले दो मैचों में किसी दबाव के चलते खिलाड़ियों को फैसले से पलटना पड़ा और राष्ट्रगान गाना पड़ा था।