फीफा वर्ल्ड कप में बुधवार को बेल्जियम और कनाडा के बीच देर रात मैच खेला गया। इस मैच में बेल्जियम को 1-0 के अंतर से हरा दिया। ग्रुप स्टेज में यह दोनों टीमों का पहला मैच था। वर्ल्ड कप में 36 सालों के बाद वापसी कर रहे कनाडा के सपनों पर बेल्जियम ने पानी फेर दिया। इस जीत के बाद बेल्जियम की टीम पॉइंट्स टेबल पर पहले स्थान पर चली गई है। दोनों टीमों के बीच इस मैच में कांटे की टक्कर देखने को मिली। लेकिन बेल्जियम की टीम की ओर से किया गया एक गोल ही उन्हें जीताने के लिए काफी था, क्योंकि कनाडा की टीम मैच के फुल टाइम तक एक भी गोल नहीं कर सकी। हलांकि कनाडा की टीम के पास कई मौके आएं लेकिन वह उन मौकों को गोल में तबदिल करने में कमियाब नहीं हो सके। कनाडा की टीम ने साल 1986 में आखरी बार फीफा वर्ल्ड कप खेला था। इस हार के बाद कनाडा की टीम के लिए वर्ल्ड कप में आगे का सफर आसान नहीं होगा।
मैच की बात करें तो कनाडा की टीम ने अपना ज्यादातर समय बेल्जियम के बॉक्स में बिताया, लेकिन टीम ने एक भी गोल नही किया। इस मैच में बल्जियम के गोलकीपर थिबाउट कर्टोइस और डिफेंस यूनिट ने शानदार खेल दिखाया। कनाडा की टीम ने मैच के 10वें मिनट में एक शानदार मौका गवां दिया और टीम के अल्फोंसो डेविस पेनल्टी किक को गोल में तबदिल नहीं कर सके और गोलकीपर थिबाउट कर्टोइस इस किक को रोकने में कामयाब रहे। यह अल्फोंसो डेविस के इंटरनेशनल करियर का पहला पेनल्टी किक था और वह उसमें असफल रहे।
हाफटाइम से ठीक पहले बल्जियम ने 44वें मिनट में एक गोल दागकर मैच में 1-0 की बढ़त ले ली। बल्जियम के मिकी बत्सुआई ने कनाडा के डिफेंस को भेदते हुए यह गोल दाग दिया। बल्जियम के गोलकीपर ने दूसरे हाफ में कनाडा के एक और प्रयास को गोल में तबदिल होने से रोक दिया। मैच के 77वें मिनट में कनाडा को लिए यह मौका आया। इसके बाद बेल्जियम ने कनाडा को एक भी मौका नहीं दिया और फुल टाइम तक 1-0 की बढ़त बनाए रखा। ग्रुप एफ में बेल्जियम और कनाडा के अलावा एक और मैच क्रोएशिया और मोरक्को की भी टीम हैं। इन दोनों टीमों के बीच खेले गए अन्य मुकाबले का रिजल्ट ड्रॉ रहा। कनाडा को अपने अगले दोनों मुकाबले इन्हीं दो टीमों के खिलाफ खेलना है।