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FIFA Ban AIFF Timeline: खेलों में राजनीति, प्रफुल्ल पटेल की जिद और भारतीय फुटबॉल पर लगा बैन, पढ़ें पूरा घटनाक्रम

FIFA Ban AIFF Timeline: फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का हवाला देकर भारतीय फुटबॉल संघ पर प्रतिबंध लगा दिया है।

Reported By : PTI Edited By : Rajeev Rai Updated on: August 16, 2022 23:44 IST
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Image Source : TWITTER FIFA bans AIFF

FIFA Ban AIFF Timeline: भारतीय फुटबॉल अपने सबसे बुरे दौर में पहुंच चुका है। फुटबॉल संघ में राजनीति, नियमों में अनदेखी और पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल की जिद ने भारतीय फुटबॉल पर एक काला दाग लगा दिया है। फीफा ने थर्ड पार्टी के अनुचित प्रभाव का हवाला देते हुए सोमवार की रात भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) को सस्पेंड कर दिया। इतना ही नहीं फीफा ने अक्टूबर में भारत में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी भी छीन ली है। हालांकि यह प्रतिबंध अचानक से नहीं लगा है बल्कि इसकी शुरुआत दिसंबर 2022 से हो गई थी।

इसकी शुरुआत अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के अपना तीसरा कार्यकाल दिसंबर 2020 में समाप्त होने के बावजूद पद नहीं छोड़ने से हुई। पटेल ने उच्चतम न्यायालय में 2017 से लंबित मामले का सहारा लेकर शीर्ष अदालत में नए संविधान को लेकर मसला सुलझने तक चुनाव कराने से इंकार कर दिया था। खेल संहिता के अनुसार किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ में कोई व्यक्ति अधिकतम 12 साल तक अपने पद पर रह सकता है और पटेल ने वह अवधि पूरी कर ली थी। इसके बाद मामला अदालत में गया और उससे हस्तक्षेप की मांग की गई। फीफा ने तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी को देखते हुए एआईएफएफ को निलंबित कर दिया। आइए एक नजर डालते हैं पूरे घटनाक्रम पर और सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं पूरी बात...

पढ़ें कब, कैसे और क्या हुआ

  • 18 मई- उच्चतम न्यायालय के फैसले ने एआईएफएफ प्रमुख प्रफुल्ल पटेल और उनकी कार्यकारी समिति को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया। उच्चतम न्यायालय ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एआर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त् एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) की भी नियुक्ति की।
  • 23 मई- प्रफुल्ल पटेल ने फीफा प्रमुख जियानी इन्फेंटिनो से अनुरोध किया कि एआईएफएफ का संचालन प्रशासकों की समिति को सौंपे जाने के बाद देश पर प्रतिबंध न लगाया जाए।
  • 29 मई- सीओए सदस्य एस वाई कुरैशी ने कहा कि सितंबर के आखिर तक एआईएफएफ का एक नव-निर्वाचित निकाय होना चाहिए और एक संशोधित संविधान 15 जुलाई तक उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
  • 11 जून- सीओए और कुछ संबद्ध इकाइयों के सदस्य राष्ट्रीय खेल संहिता, फीफा और एएफसी क़ानूनों का पालन करने वाले एक नए संविधान के तहत राष्ट्रीय महासंघ के लंबे समय से लंबित चुनावों को जल्द से जल्द कराने पर चर्चा करने के लिए बैठक में शामिल होते हैं।
  • 21 जून- फीफा-एएफसी दल और भारतीय फुटबॉल का संचालन कर रहे सीओए के बीच पहले दौर की बातचीत ‘अच्छी’ रही।
  • 22 जून- एआईएफएफ सदस्य इकाइयां फीफा-एएफसी के दल से मिलीं और उन्हें राष्ट्रीय खेल निकाय में उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बारे में बताया।
  • 23 जून- फीफा-एएफसी दल ने व्यवस्था में सुधार के लिए समय सीमा तय की। हितधारकों से 31 जुलाई तक संविधान को मंजूरी देने और 15 सितंबर तक चुनाव कराने के लिए कहा।
  • 13 जुलाई- सीओए ने फीफा को एआईएफएफ का अंतिम मसौदा संविधान भेजा।
  • 16 जुलाई- सीओए ने एआईएफएफ मसौदा संविधान को मंजूरी के लिए उच्चतम न्यायालय को सौंपा। *18 जुलाई- एआईएफएफ की राज्य इकाइयों ने सीओए द्वारा तैयार अंतिम मसौदा संविधान में कई प्रावधानों पर नाखुशी व्यक्त की, लेकिन कहा कि वे बीच का रास्ता खोजने को तैयार हैं। - राज्य संघों के प्रतिनिधित्व वाले सात सदस्यीय पैनल ने फीफा को लिखा था कि अंतिम मसौदे के कई खंड भेदभावपूर्ण और अतार्किक हैं।
  • 21 जुलाई- उच्चतम न्यायालय ने एआईएफएफ के चुनावों में तेजी लाने की आवश्यकता का समर्थन किया।
  • 26 जुलाई- फीफा ने एआईएफएफ से सिफारिश की कि सीओए द्वारा संविधान के मसौदे में निर्धारित 50 प्रतिशत के बजाय एआईएफएफ को अपनी कार्यकारी समिति में 25 प्रतिशत प्रख्यात खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व रखना चाहिए।
  • 28 जुलाई- न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा कि वह तीन अगस्त को चुनाव कराने के तौर-तरीकों पर सुनवाई करेगी।
  • 3 अगस्त - उच्चतम न्यायालय ने एआईएफएफ कार्यकारी समिति को सीओए द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव जल्द से जल्द कराने के निर्देश दिए। -शीर्ष अदालत ने कहा कि एआईएफएफ की कार्यकारी समिति के लिए निर्वाचक मंडल में 36 राज्य संघों के प्रतिनिधि और 36 प्रख्यात फुटबॉल खिलाड़ी शामिल होंगे।
  • 5 अगस्त - उच्चतम न्यायालय ने एआईएफएफ चुनावों के लिए सीओए की समय-सीमा को मंजूरी दी, चुनाव 28 अगस्त को होंगे और चुनाव प्रक्रिया 13 अगस्त से शुरू होगी।
  • 6 अगस्त- फीफा ने तीसरे पक्ष के प्रभाव के कारण एआईएफएफ को निलंबित करने और अक्टूबर में महिला अंडर -17 विश्व कप की मेजबानी अधिकार को छीनने की धमकी दी।
  • 7 अगस्त- सीओए ने फीफा को आश्वासन दिया कि वह अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को व्यवस्थित करने के लिए तैयार है।
  • 10 अगस्त- सीओए ने एआईएफएफ के अपदस्थ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की ‘कार्यवाही में हस्तक्षेप’ करने के लिए अवमानना ​​याचिका दायर की।
  • 11 अगस्त- उच्चतम न्यायालय ने एआईएफएफ अपदस्थ प्रमुख प्रफुल्ल पटेल की बैठकों में भाग लेने और न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करने पर राज्य इकाइयों को चेतावनी दी।
  • 13 अगस्त- एआईएफएफ के 28 अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में शामिल मतदाताओं की सूची में बाईचुंग भूटिया और आईएम विजयन सहित 36 'प्रतिष्ठित' खिलाड़ी शामिल।
  • 15 अगस्त- फीफा ने खेल मंत्रालय को सूचित किया कि वह अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के चुनावों के लिए निर्वाचक मंडल में व्यक्तिगत सदस्यों को शामिल करने के विरोध पर अडिग है। इसके बाद फीफा ने ‘तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव’ के कारण एआईएफएफ को निलंबित कियाा और भारत से अंडर -17 महिला विश्वकप के मेजबानी अधिकार छीने। 

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