ओलंपियन भवानी देवी ने चीन के वुक्सी में एशियाई तलवारबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हार के बाद भी ब्रांज मेडल जीत लिया। सेमीफाइनल में भवानी ने हारने के बाद भी इतिहास रच दिया। इस टूर्नामेंट में भारत का ये पहला पदक है। भवानी को जेनाब डेयिबेकोवा से हार झेलनी पड़ी।
कड़े मुकाबले में मिली हार
सेमीफाइनल में भवानी को उज्बेकिस्तान की जेनाब डेयिबेकोवा के खिलाफ कड़े मुकाबले में 14-15 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने इस बड़े टूर्नामेंट में भारत के लिए पहला पदक सुनिश्चित किया। भवानी ने क्वार्टर फाइनल में गत विश्व चैंपियन जापान की मिसाकी एमुरा को 15-10 से हराकर उलटफेर किया था। मिसाकी के खिलाफ यह भवानी की पहली जीत थी। इससे पहले उन्होंने जापान की खिलाड़ी के खिलाफ अपने सभी मुकाबले गंवाए थे।
भारत की भवानी देवी को राउंड ऑफ 64 में बाई मिली थी, जिसके बाद अगले दौर में उन्होंने कजाखिस्तान की डोस्पे करीना को हराया। भारतीय खिलाड़ी ने प्री क्वार्टर फाइनल में भी उलटफेर करते हुए तीसरी वरीय ओजाकी सेरी को 15-11 से हराया। पूरे टूर्नामेंट में भवानी ने शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन वह सेमीफाइनल मुकाबला जीतने में सफल नहीं हो सकी।
भवानी ने किया बड़ा कमाल
भारतीय तलवारबाजी संघ के महासचिव राजीव मेहता ने भवानी को उनकी एतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी है। मेहता ने पीटीआई से कहा कि यह भारतीय तलवारबाजी के लिए बेहद गौरवपूर्ण दिन है। भवानी ने वह किया है जिसे इससे पहले कोई और हासिल नहीं कर पाया। वह एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय तलवारबाज हैं। पूरे तलवारबाजी जगत की ओर से मैं उन्हें बधाई देता हूं। भले ही वह सेमीफाइनल में हार गई लेकिन मुकाबला काफी करीबी था। सिर्फ एक अंक का अंतर था। इसलिए यह बड़ा सुधार है। ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय तलवारबाज बनीं भवानी टोक्यो खेलों में राउंड ऑफ 32 से बाहर हो गईं थी।
(Input: PTI)