नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालंपिक खेलों में गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा। नवदीप ने 47.32 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता और फिर इसके बाद जश्व मनाने के अनोखे अंदाज ने उन्हें देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया। नवदीप ने जिस अंदाज में अपने गोल्ड मेडल को सेलिब्रेट किया, वो कई दिनों तक सोशल मीडिया पर वायरल रहा। अब इंडिया टीवी के साथ एक खास बातचीत में स्टार जैवलिन थ्रोअर ने अपने अनोखे सेलिब्रेशन को लेकर खुलकर बात की।
नवदीप ने इंडिया टीव को बताया कि अगर उनके दिमाग में होता तो वह बोलते ही नहीं। माहौल गर्म था। उन्होंने कहा कि वह देश के लिए खेल रहे थे और उसी वजह से जोश में थे। उस वक्त वह काफी इंटेंसिटी महसूस कर रहे थे। नवदीप ने पहले सिल्वर मेडल जीता था, लेकिन शुरुआती चैंपियन ईरानी खिलाड़ी सादेग बेइत सायाह को अयोग्य घोषित किये जाने के बाद उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। नवदीप ने ईरानी एथलीट को अयोग्य घोषित किए जाने को लेकर भी अपनी राय दी।
2028 में गोल्ड जीतना अगला लक्ष्य
उन्होंने कहा कि मैं पहले स्थान पर चल रहा था और फिर ईरानी एथलीट उससे आगे निकल गया। उन्होंने बताया कि ट्रैक पर वह दोनों प्रतिस्पर्धी हैं, लेकिन ट्रैक से बाहर वह दोस्त हैं। एक दोस्त के तौर पर उन्हें ईरानी एथलीट के लिए बुरा लगा। लेकिन जब बात देश की आई तो उन्हें बहुत खुशी और गर्व महसूस हुआ। उन्होंने 2028 पैरालंपिक गेम्स में गोल्ड जीतने को अपना अगला लक्ष्य भी बताया।
इंडिया टीवी ने दो बार गोल्ड जीतने वाले भाला फेंक एथलीट सुमित अंतिल से भी पैरालंपिक में उनके शानदार प्रदर्शन के बारे में बातचीत की। सुमित ने गोल्ड मेडल बचाने के दबाव और दो बार चैंपियन बनने का अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि मानसिक दबाव बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोई भी एथलीट जिसने मेहनत की है, वह दबाव में होगा। कोई भी उस दबाव से इनकार नहीं कर सकता। उन्हें याद है कि वह तीन दिन तक सो नहीं पाए थे। उन्होंने कहा कि पहला गोल्ड जीतना एक अलग एहसास था और यह भी अलग था। उन्हें भरोसा था कि वह अपना गोल्ड बचा लेंगे। लूँगा। उन्हें पता था कि अगर कोई 70 मीटर तक पहुंच भी जाता है, तो भी वह उसे भी तोड़कर जीत लेंगे।