बेलग्रेड। नोवाक जोकोविच ऑस्ट्रेलियाई ओपन में खिताब के बचाव का मौका नहीं मिलने के बाद सोमवार को स्वदेश पहुंच गये लेकिन उन्हें अब एक नयी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यदि वह कोविड-19 का टीकाकरण नहीं करवाते हैं तो उन्हें इस साल होने वाले फ्रेंच ओपन में खेलने से भी रोका जा सकता है। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी को लेकर जब विमान सर्बिया पहुंचा तो ऑस्ट्रेलिया की महामारी से जुड़ी कड़ी नीति के कारण जोकोविच को देश से निर्वासित करने को लेकर दो सप्ताह तक चले नाटकीय घटनाक्रम के पहले अध्याय का भी अंत हो गया।
बेलग्रेड हवाई अड्डे पर सर्बियाई ध्वज लिये कुछ प्रशंसकों ने जोकोविच का स्वागत किया। इनमें से अधिकतर का मानना था आस्ट्रेलिया में जोकोविच के साथ बुरा बर्ताव किया गया। लेकिन उनकी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। उन्हें इस साल फ्रेंच ओपन में खेलने से भी रोका जा सकता है। एक नये कानून के अनुसार जिन लोगों ने टीकाकरण नहीं करवाया है उन्हें स्टेडियमों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से बाहर किया जा सकता है।
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फ्रांसीसी संसद के एक सदस्य क्रिस्टोफ कास्टनर ने कहा कि एक नये कानून से उन लोगों को खेल स्थलों, रेस्तरां और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर आने की अनुमति नहीं होगी जिन्होंने टीकाकरण नहीं करवाया है तथा जो भी टूर्नामेंट में खेलना चाहता है, उस पर यह नियम लागू होगा। मई के आखिर में शुरू होने वाले टूर्नामेंट तक काफी कुछ बदल सकता है लेकिन यह लगभग स्पष्ट है कि ऑस्ट्रेलिया में जो कुछ हुआ वह महज वहीं तक सीमित नहीं था और जोकोविच को आगे भी इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इस कानून को लेकर हालांकि कई चीजें अभी स्पष्ट नहीं हुई हैं जैसे हाल में कोविड-19 से उबरने वाले लोगों को लेकर जैसा कि जोकोविच के साथ हुआ था। इससे पहले जोकोविच संयुक्त अरब अमीरात के रास्ते सर्बिया पहुंचे। अमीरात के विमान से वह साढे तेरह घंटे की उड़ान के बाद मेलबर्न से दुबई पहुंचे।
इसके बाद उन्होंने सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड के लिये उड़ान पकड़ा। दुबई में यात्रियों के लिये टीकाकरण अनिवार्य नहीं है लेकिन उन्हें उड़ान भरने से पहले नेगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट दिखानी जरूरी है। नौ बार के आस्ट्रेलियाई ओपन और 20 ग्रैंडस्लैम विजेता जोकोविच का वीजा आस्ट्रेलिया में दो बार रद्द हो गया क्योंकि वह कोरोना टीकाकरण के कड़े नियमों में मेडिकल छूट के लिये जरूरी मानदंडों पर वह खरे नहीं उतरे थे।
उन्होंने पहली बार वीजा रद्द होने के खिलाफ कानूनी लड़ाई जीती लेकिन दूसरी बार हार गए। ऑस्ट्रेलियाई ओपन में उन्हीं खिलाड़ियों, अधिकारियों और दर्शकों को प्रवेश मिला है जिन्होंने कोरोना वायरस के दोनों टीके लगवाये हुए हैं।