Highlights
- नीतू ने मुक्केबाजी में कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता गोल्ड मेडल
- नीतू ने अपने स्वर्ण पदक को पिता को किया समर्पित
- पिता के त्याग ने नीतू को बनाया चैंपियन बॉक्सर
CWG 2022: भारतीय महिला मुक्केबाज नीतू घणसण ने कॉमनवेल्थ गेम्स में डेब्यू करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। ये पदक देश के साथ-साथ उनके लिए भी भावनात्मक तौर पर बेहद अहम है। उनके पास ये मेडल शायद नहीं होता अगर उनके पिता एक मजबूत स्तंभ की तरह उनके साथ खड़े नहीं होते। यही वजह है कि नीतू ने अपने पहले स्वर्ण पदक को पिता जय भगवान को समर्पित किया, जिन्होंने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हरियाणा सचिवालय के कर्मचारी जय भगवान दो बार की वर्ल्ड यूथ चैंपियन नीतू को ट्रेनिंग देने के लिए पिछले तीन साल से अवैतनिक अवकाश पर हैं।
पिता के त्याग ने नीतू को बनाया स्वर्ण पकद विजेता
यकीनन नीतू के पिता ने अपनी बेटी को एक चैंपियन बॉक्सर बनाने के लिए बड़ा त्याग किया। पिता का ये त्याग और अभियान रविवार को बर्मिंघम में रंग लाया जब नीतू ने वुमेंस 45-48 किलोग्राम मिनिमम वेट कैटेगरी में अपना दबदबा कायम रखते हुए फाइनल में इंग्लैंड की डेम-जेड रेस्टन को शिकस्त दी। भिवानी की इस भारतीय मुक्केबाज ने 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बॉक्सर रेस्टन को पाचों जजों के सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से पराजित कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
पिता के बिना मैं यहां नहीं होती- गोल्ड मेडलिस्ट नीतू
21 साल की भारतीय मुक्केबाज नीतू ने कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने पहले गोल्ड मेडल को गले में पहनने के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ तिरंगे को ऊपर जाते हुए देखना सबसे बड़ा अहसास था, मेरी एक पुरानी इच्छा आज पूरी हो गई। मैं सभी के आशीर्वाद के लिए आभारी हूं। यह पदक देशवासियों और मेरे पिता के लिए है।’’
गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीतू ने अपने पिता का विशेष आभार जताते हुए कहा, ‘‘ मेरे पिता ने मेरे लिए कोई कसर नहीं छोड़ा। वह कई मुश्किल परिस्थितियों से गुजरे लेकिन हमेशा सुनिश्चित किया कि मुझे बेस्ट मिले। मैं उनके समर्थन के बिना यहां नहीं होती।’’
‘बहुत शर्मीली है ‘गब्बर शेरनी’ नीतू’
हरियाणा की 21 साल की यह मुक्केबाज रिंग के अंदर किसी से कम नहीं है लेकिन जब वह रिंग से बाहर निकलती है तो काफी शर्मीले स्वभाव की है। शर्मीलापन इतना कि उनकी बातों को सुनने के लिए ध्यान लगाना पड़ता है। भारतीय टीम के कोच भास्कर चंद्र भट्ट नीतू को ‘गब्बर शेरनी’ कह कर बुलाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वह हमेशा से ऐसी (शर्मीले स्वभाव की) ही रही है। शिविर में और शिविर के बाहर ही आप मुश्किल ही उसकी आवाज सुन पाते हैं। रिंग के अंदर वह ‘गब्बर शेरनी’ की तरह है।’’
अपनी ‘आदर्श’ और छह बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम के स्थान पर कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए चुनी गयी नीतू यहां अजेय रहीं। नीतू ने कहा, ‘‘मैरीकॉम मैम की जगह एक अलग ही है। उन्होंने वर्ल्ड लेवल पर भारतीय मुक्केबाजी को एक पहचान दी है। मैं उनके सामने कहीं नहीं हूं।’’
Koo AppA historic GOLD in Boxing!! Boxer #NituGhanghas bags gold medal at the #CommonwealthGames2022 in the Womens 45kg-48kg (Minimumweight) category. She defeated England’s Demie-Jade Resztan (5-0). Commendable victory!! A proud moment for India! #CWG2022India | #CWG2022 @media_sai - YASMinistry (@YASMinistry) 7 Aug 2022