भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा और दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच विश्व कप शतरंज टूर्नामेंट की दूसरी क्लासिकल बाजी भी ड्रॉ रही। दूसरी बाजी में डेढ़ घंटे के खेल और 30 चाल के बाद दोनों खिलाड़ी ड्रॉ पर सहमत हो गए। चैंपियन का फैसला अब 24 अगस्त को टाईब्रेकर के जरिए होगा। नॉर्वे के कार्लसन ने सफेद मोहरों से प्रज्ञानानंदा के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया। भारतीय खिलाड़ी को हालांकि काले मोहरों से खेलते हुए किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा और दोनों खिलाड़ी 30 चाल के बाद मुकाबले को ड्रॉ करने पर राजी हो गए।
प्रज्ञानानंदा ने दिया ये बयान
पहली बाजी भी चार घंटे से अधिक खेल और 70 से अधिक चाल के बाद ड्रॉ रही थी। प्रज्ञानानंदा ने बाजी के बाद कहा कि मैंने वास्तव में नहीं सोचा था कि वह आज जल्दी ड्रॉ के लिए तैयार हो जाएगा लेकिन जब उसने ऐसी शुरुआत की तो मुझे अहसास हुआ कि वह ड्रॉ कराना चाहता था। मुझे भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी। मैं भी थका हुआ महसूस करता हूं। अब मैं कल सब कुछ झोंक सकता हूं और इसके बाद आराम कर सकता हूं।
शानदार फॉर्म में चल रहे हैं प्रज्ञानानंदा
भारत के 18 साल के आर प्रज्ञानानंदा ने सेमीफाइनल में टाईब्रेक के जरिए दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को हराया था और फाइनल में जगह बनाई थी। इससे पहले क्वार्टर फाइनल में उन्होंने दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामूरा को हराया था। प्रज्ञानानंदा इसके साथ ही 2024 में कनाडा में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर लिया। महान बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने।
ऐसा करने वाले हैं सिर्फ दूसरे भारतीय
अब रेपिड फॉर्मेट में दो टाईब्रेक बाजियां खेली जाएंगी जिसमें हर खिलाड़ी को 25 मिनट का समय मिलेगा। हर चाल के बाद खिलाड़ी के समय में 10 सेकेंड जुड़ जाएंगे। अगर इन दो बाजी में नतीजा नहीं निकलता है तो दो और बाजी खेली जाएगी जिसमें हर खिलाड़ी के पास पांच मिनट का समय होगा और खिलाड़ी की हर चाल के बाद उसके समय में तीन सेकेंड जुड़ जाएंगे। प्रज्ञानानंदा महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व कप फाइनल में जगह बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।