3 जून 1986 को स्पेन में एक ऐसे बच्चे का जन्म होता है, जिनके माता-पिता का खेलों से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं था। एक ऐसा देश जो सांडों की लड़ाई यानी बुल फाइटिंग के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है उसे ये बच्चा एक अलग पहचान दिलाने वाला था। ये कोई और नहीं बल्कि टेनिस की दुनिया में लाल बजरी के बादशाह के नाम से पहचाने जाने वाले राफेल नडाल हैं, जिन्होंने फ्रेंच ओपन में अपनी बादशाहत को कायम किया और 14 बार इस खिताब को जीतकर बाकी सभी को काफी पीछे छोड़ दिया। राफेल नडाल ने अपने खेल के दम पर पूरी दुनिया में को अपना फैन बना लिया। राफेल नडाल ने सिर्फ 4 साल की उम्र में ही टेनिस रैकेट को थाम लिया था। इसके बाद उन्होंने 12 साल की उम्र में एक क्षेत्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था और जीत हासिल करते हुए अपनी प्रतिभा से सभी को परिचित करा दिया था। ऐसे में हम आपको राफेल नडाल के पूरे करियर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें उन्होंने टेनिस जगत में कौन-कौन सी बड़ी उपलब्धियां हासिल की और उनके नाम ऐसे कौन से रिकॉर्ड हैं जिनको तोड़ पाना आसान नहीं होगा।
फ्रेंच ओपन की बादशाहत बनाती है राफेल नडाल को महान
टेनिस में ग्रैंड स्लैम की दुनिया के 4 सबसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स ऑस्ट्रेलियन ओपन, यूएस ओपन , विंबलडन और फ्रेंच ओपन है। जिसमें नए साल की शुरुआत में सबसे पहले ऑस्ट्रेलियन ओपन होता है उसके बाद साल के आखिर में यूएस ओपन खेला जाता है। वहीं फ्रेंच ओपन जिसे रोलैंड गारोस से भी पहचाना जाता है क्योंकि बाकी तीन ग्रैंड स्लैम जहां विंबलडन ग्रास कोर्ट पर खेला जाता है तो ऑस्ट्रेलियन ओपन और यूएस ओपन हार्ड कोर्ट पर होता है। वहीं फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट लाल बजरी यानी क्ले कोर्ट पर खेला जाता है। राफेल नडाल की टेनिस जगत में जितनी फ्रेंच ओपन में बादशाहत देखने को मिली उतनी उनके आने से पहले किसी भी खिलाड़ी की देखने को नहीं मिली थी।
फ्रेंच ओपन के इतिहास में राफेल नडाल ने अकेले 14 बार खिताब को अपने नाम किया है। इसमें वह अपने 2 सबसे बड़े प्रतिद्वंदी और दिग्गज खिलाड़ी नोवाक जोकोविच और रोजर फेडरर से भी काफी आगे हैं। जिसमें जोकोविच और फेडरर ने सिर्फ चार बार ही फ्रेंच ओपन का खिताब अपने टेनिस करियर के दौरान जीतने में सफलता पाई है। राफेल नडाल साल 2010 से लेकर 2014 तक लगातार 5 बार फ्रेंच ओपन में सिंगल का खिताब अपने नाम करने में कामयाब हुए थे।
राफेल नडाल टेनिस की दुनिया के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने सिर्फ एक ग्रैंड स्लैम टाइटल को 11 बार से अधिक जीतने में सफलता हासिल की है। नडाल ने फ्रेंच ओपन के इतिहास में कुल 116 मैच खेले हैं, जिसमें से वह 112 में जीतने में सफल रहे हैं। राफेल नडाल ने लाल बजरी की सतह पर फ्रेंच ओपन सहित कुल 40 खिताब अपने नाम किए हैं। इसमें 14 जहां फ्रेंच ओपन के शामिल हैं तो इसके अलावा 11 बार उन्होंने कार्लो मास्टर्स, 10 बार इटालियन ओपन और 5 बार मैड्रिड ओपन को जीता है।
राफेल नडाल टेनिस की दुनिया के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने तीन अलग-अलग दशकों में फ्रेंच ओपन के खिताब को जीता है जिस वजह से उनकी गिनती इस खेल के महानत प्लेयर्स में की जाती है। फ्रेंच ओपन में राफेल नडाल का रिकॉर्ड नोवाक जोकोविच के खिलाफ देखा जाए तो 10 से 8 बार जहां वह जीत हासिल करने में कामयाब हुए तो वहीं 2 बार उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा। इसके अलावा रोजर फेडरर को तो उन्होंने एक भी बार अपने खिलाफ फ्रेंच ओपन में जीत हासिल नहीं करने दी जिसमें 6 बार हुए मुकाबले में सभी को जीता।
ओलंपिक में अपने दबदबे का कराया एहसास
किसी भी खिलाड़ी के दुनिया के सबसे बड़े खेल महाकुंभ ओलंपिक में जीतना हमेशा एक सपना होता है। राफेल नडाल उन चुनिंदा टेनिस प्लेयर्स में से एक हैं जिन्होंने एक बार नहीं बल्कि 2 बार ओलंपिक में टेनिस के इवेंट में गोल्ड मेडल को जीतने में सफलता हासिल की है। राफेल ने साल 2008 में हुए बीजिंग ओलंपिक में हिस्सा लिया था, जिसमें उन्होंने अपना पहला मेडल टेनिस एकल में गोल्ड के रूप में जीता। इसके बाद साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में भी राफेल पुरुष डब्लस के इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुए थे। नडाल ने जहां ओलंपिक में 2 मेडल जीते हैं तो वहीं जोकोविच भी 2 बार पदक जीतने में कामयाब रहे हैं लेकिन उसमें से एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल है। इसके अलावा फेडरर अपने करियर में एक बार भी ओलंपिक मेडल जीतने में कामयाब नहीं हो सके।
राफेल नडाल के आंकड़े बयां करते उनकी महानता
किसी भी खेल में एक खिलाड़ी के दबदबे को समझने के लिए उसके आंकड़े काफी कुछ बयां कर देते हैं। राफेल नडाल के करियर में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है, जिसमें यदि उनकी 2 महान प्लेयर्स रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच के साथ प्रतिद्वंद्विता देखी जाए तो वह काफी कुछ साफ हो जाता है। नडाल ने अपने करियर के दौरान सिंगल इवेंट में फेडरर के खिलाफ कुल 40 मैच खेले हैं जिसमें से उन्होंने 24 को अपने नाम किया। वहीं जोकोविच के खिलाफ एकल इवेंट के कुल 61 मैचों में खेलते हुए 29 को जीतने में सफलता पाई है। नडाल उन प्लेयर्स में शामिल हैं जो यदि किसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचते हैं तो उनकी जीत लगभग पक्की मानी जाती है। इसकी सबसे बड़ी वजह वह अपने करियर में सिर्फ 8 बार ग्रैंड स्लैम फाइनल मुकाबले में हारे हैं। वहीं इसके मुकाबले फेडरर 11 बार जबकि जोकोविच ने 13 बार हार का सामना किया है।
ग्रैंड स्लैम के इतिहास में राफेल नडाल अब तक सबसे कम मुकाबले हारने वाले खिलाड़ी हैं, जिसमें उन्होंने सिर्फ 44 मैचों में हार का सामना किया है, जबकि जोकोविच 51 तो फेडरर 60 बार हार चुके हैं। राफेल नडाल ने अपने करियर के दौरान सबसे ज्यादा मुकाबले फ्रेंच ओपन में जीते हैं, जिसमें उन्होंने कुल 112 मैचों को अपने नाम किया है। इसके अलावा ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंचने के बाद बिना कोई सेट हारे सबसे ज्यादा बार जीतने का रिकॉर्ड भी राफेल नडाल के नाम है जिसमें उन्होंने ये कारनामा अपने करियर के दौरान 4 बार किया है, जबकि रोजर फेडरर सिर्फ 2 बार करने में कामयाब हो सके तो वहीं जोकोविच एक बार भी नहीं कर सके।
एटीपी रैंकिंग में टॉप-10 में सबसे ज्यादा हफ्तों तक रहने के मामले में भी राफेल नडाल आगे हैं जिसमें वह 912 हफ्तों तक लगातार टॉप-10 में थे, वहीं इस मामले में रोजर फेडरर 734 हफ्तों तक जबकि नोवाक जोकोविच 555 हफ्तों तक टॉप-10 में लगातार शामिल रहे थे। राफेल नडाल ने अपने करियर के दौरान 30 टाइटल ऐसे जीते हैं जिसमें उन्हें एक भी सेट में हार का सामना नहीं करना पड़ा।
राफेल नडाल के इन दो ऐतिहासिक मैचों को फैंस कभी नहीं भुला पाएंगे
अपने टेनिस करियर के दौरान राफेल नडाल ने अनगिनत ऐसे मुकाबले खेले जिसमें उन्होंने रोमांचक जीत दर्ज की लेकिन उनके इस पूरे करियर में 2 ऐसे मैच रहे जिनको वह और फैंस कभी नहीं भुला सकेंगे। साल 2008 में राफेल नडाल का सामना विंबलडन के फाइनल में रोजर फेडरर से हुआ जिनसे उन्हें इसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में साल 2006 और 2007 में हार का सामना करना पड़ा था। दोनों ही प्लेयर्स का इस फाइनल मैच में बेहद शानदार प्रदर्शन देखने को मिला जिसमें 5 सेटों के बाद परिणाम हासिल हुआ और ये मुकाबला लगभग 5 घंटे तक चला था। इस मैच के पहले 2 सेट जहां नडाल ने जीते तो उसके बाद अगले 2 सेटों में फेडरर ने वापसी करते हुए उसे अपने नाम किया। अंत में 5वें सेट में दोनों प्लेयर्स के बीच जबरदस्त भिड़ंत देखने को मिली लेकिन नडाल बाजी मारने में कामयाब रहे और पहली बार अपने करियर में विंबलडन का खिताब जीता।
वहीं साल 2022 में राफेल नडाल का ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल मुकाबले में सामना रूस के दानिल मेदवेदेव से हुआ था। नडाल करीब साढ़े पांच घंटे तक चले इस मुकाबले में दानिल मेदवेदेव को 2-6, 6-7, 6-4, 6-4, 7-5 को मात देने में कामयाब रहे थे। दरअसल ये जीत इसलिए काफी ऐतिहासिक हो जाती है क्योंकि राफेल नडाल इस मुकाबले से पहले ऑस्ट्रेलियन ओपन में पहले दो सेट हारने के बाद कभी भी मुकाबला जीतने में कामयाब नहीं हो सके थे, लेकिन इस बार उन्होंने नया इतिहास रचने का काम करते हुए इस मैच में शानदार वापसी की और खिताब भी जीता।
लगातार चोटों की वजह से राफेल नडाल को लेना पड़ा रिटायरमेंट का फैसला
खेल की दुनिया में किसी भी प्लेयर के लिए बढ़ती उम्र के साथ खुद को फिट रखना बिल्कुल भी आसान काम नहीं है, जिसमें उसे खुद इंजरी से भी बचाना होता है। जनवरी 2023 से पहले राफेल नडाल ने अपने करियर में 92 एटीपी खिताब जीते हालांकि इंजरी के बाद नडाल एक भी एटीपी खिताब जीतने में कामयाब नहीं हो सके। वहीं उसके बाद वह एक भी खिताब जीतने में कामयाब नहीं हो सके। चोट की वजह से नडाल को साल 2023 में पूरे सीजन से बाहर होना पड़ा। इसके बाद साल 2024 में उन्होंने फ्रेंच ओपन से वापसी करने की कोशिश की लेकिन पहले राउंड में ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा। नडाल ने अपना आखिरी मुकाबला पेरिस ओलंपिक 2024 में खेला था जिसमें उन्हें जोकोविच के खिलाफ उन्हें दूसरे राउंड में हार का सामना करना पड़ा था।
राफेल नडाल ने प्रोफेशनल टेनिस से अपने रिटायरमेंट का ऐलान एक वीडियो पोस्ट के जरिए किया जिसमें उन्होंने कहा कि मैं आपको यह बताने के लिए यहां हूं कि मैं प्रोफेशनल टेनिस से संन्यास ले रहा हूं। पिछले कुछ साल बहुत मुश्किल रहे हैं, खासकर पिछले दो साल। मेरे लिए यह एक कठिन फैसला था जिसे लेने में मुझे समय भी लगा। लेकिन इस जीवन में जिस चीज की शुरुआत होती है उसका अंत भी होता है और मुझे लगता है कि यह उस लंबे और बहुत सफल करियर को समाप्त करने का सही समय है। मेरा आखिरी टूर्नामेंट डेविस कप होगा जिसमें हिस्सा लेने के लिए मैं काफी उत्साहित जरूर हूं।