Highlights
- श्रीकांत और लक्ष्य सेन बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचे
- मौजूदा चैंपियन पी वी सिंधू को क्वार्टर फाइनल में ताइ जु यिंग से हार का सामना करना पड़ा
- शनिवार को पहले सेमीफाइनल में श्रीकांत और लक्ष्य आमने-सामने होंगे
स्टार शटलर किदाम्बी श्रीकांत और युवा लक्ष्य सेन ने शुक्रवार को बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरुष सिंगल्स के सेमीफाइनल में पहुंचकर नया इतिहास रचा। इनके सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही भारत के कम से कम दो पदक हो गए। लेकिन महिला सिंगल्स में भारत को निराशा हाथ लगी और मौजूदा चैंपियन पी वी सिंधू को क्वार्टर फाइनल में ताइ जु यिंग से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय बैडमिंटन के लिये बड़ी उपलब्धि हो सकती थी, अगर पुरुष सिंगल्स में भारत के तीसरे खिलाड़ी एच एस प्रणय क्वार्टर फाइनल में जीत जाते लेकिन उन्हें सिंगापुर के कीन येव लोह से 43 मिनट में 14-21 12-21 से हार का सामना करना पड़ा।
भारत का एक रजत पदक भी पक्का हो गया है क्योंकि शनिवार को पहले सेमीफाइनल में श्रीकांत और लक्ष्य आमने-सामने होंगे। भारत के लिये यह टूर्नामेंट में एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ है। पहले विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी और यहां 12वीं सीड श्रीकांत ने नीदरलैंड के मार्क कालजोऊ को क्वार्टरफाइनल में महज 26 मिनट में 21-8 21-7 से शिकस्त दी। इसके बाद युवा सेन ने अपने जुझारूपन का शानदार नमूना पेश किया तथा क्वार्टर फाइनल में चीन के जुन पेंग झाओ को तीन गेम तक चले रोमांचक मुकाबले में 21-15, 15-21, 22-20 से हराया। यह मैच एक घंटे और सात मिनट तक चला।
सेन ने कहा, ‘‘मैं रैली में आत्मविश्वास से भरा हुआ था। लेकिन हम दोनों ने कुछ गलतियां की। 20-20 पर मैं चूक गया लेकिन मैं फिर भी विनर लगाने में सफल रहा, थोड़ा भाग्यशाली रहा। ’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘मैं तीन वर्षों में श्रीकांत से नहीं खेला हूं, इसलिए यह अच्छा मैच होगा। वह भी बहुत अच्छा खेल रहे हैं और उन्होंने इस हफ्ते में अपने प्रतिद्वंद्वियों को दोहरे अंक तक पहुंचने से पहले ही हरा दिया है। ’’ सेन ने साथ ही कहा, ‘‘मैं भी अच्छा खेल रहा हूं और हम दोनों ही आक्रामक शैली का खेल खेलते हैं। देखते हैं कौन फाइनल में पहुंचता है। भारत ने एक फाइनलिस्ट तो पक्का कर लिया है जो अच्छी चीज है। मैं मुकाबले के लिये तैयार हूं। ’’
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दुनिया के 14वें नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत पहले गेम में 11-5 से बढ़त बनाये थे और ब्रेक के बाद उन्होंने 14-8 की बढ़त बनाकर लगातार सात अंक हासिल कर गेम जीत लिया। दूसरा गेम भी कुछ अलग नहीं था जिसमें श्रीकांत ने अपने प्रतिद्वंद्वी को पूरी तरह से पस्त कर दिया। उन्होंने 4-3 के स्कोर के बाद लगातार सात अंक हासिल किये। फिर 17-7 के बाद उन्होंने लगातार चार अंक जीतकर मैच अपने नाम कर लिया। श्रीकांत ने कहा, ‘‘मैंने खुद से कहा कि मुझे मैच में बने रहना होगा। मैं बड़ी बढ़त नहीं गंवाना चाहता था या आसान गलतियां नहीं करना चाहता था, मुझे ध्यान लगाए रखना था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सेमीफाइनल तक पहुंचकर खुश हूं। इस टूर्नामेंट में आने से पहले मैं सिर्फ शुरूआती मुकाबले के बारे में सोच रहा था। इसके बाद ही अगले अगले मुकाबले के बारे में सोचा। ’’
महिला सिंगल्स में टॉप सीड ताइ जू ने क्वार्टर फाइनल 42 मिनट में 21-17, 21-13 से जीतकर सिंधू का खिताब बरकरार रखने का सपना तोड़ा। दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी और दो ओलंपिक पदक विजेता सिंधू ने 2019 में यह खिताब जीता था और 2020 में कोरोना महामारी के कारण टूर्नामेंट हुआ नहीं था । सिंधू ने 2019 में ताइ जू को इस टूर्नामेंट में हराया था लेकिन टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में उससे हार गई थी । इस मैच से पहले ताइ जू के खिलाफ उसका जीत हार का रिकॉर्ड 14-5 का था।
बता दें कि मेंस सिंगल्स में सेन और श्रीकांत से पहले महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण (1983 में कांस्य पदक) और बी साई प्रणीत (2019 में कांस्य पदक) ने पदक जीते थे। सिंधू ने विश्व चैम्पियनशिप में पांच पदक जीते हैं जबकि साइना नेहवाल के नाम दो पदक हैं। वहीं ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की वुमेंस डबल्स जोड़ी ने भी 2011 में कांस्य पदक जीता था।