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आजादी का अमृत महोत्सव : मिल्खा सिंह ने एथलेटिक्स में बनाया भारत का नाम

Milkha Singh : मिल्खा सिंह ने अपने जीवन में कुल 80 दौड़ों में हिस्सा लिया था, खास बात ये है कि इसमें से वे केवल तीन में ही हारे और 77 बार वे रेस जीतने में कामयाब हुए थे।

Written By: Pankaj Mishra @pankajplmishra
Published : Aug 15, 2022 13:41 IST, Updated : Aug 15, 2022 13:41 IST
Milkha Singh
Image Source : PTI Milkha Singh

Highlights

  • कॉमनवेल्थ गेम्स में मिल्खा सिंह ने जीता भारत के लिए पहला गोल्ड
  • एथलेटिक्स में भी पूरी दुनिया ने भारतीय खिलाड़ियों का लोहा
  • पाकिस्तान में जाकर भी दौड़े मिल्खा सिंह और जीत भी दर्ज की

Azadi ka amrit mahotsav Milkha Singh : साल 1950 से पहले एथलेटिक्स में भारत का नाम खेल की दुनिया में बहुत ज्यादा मशहूर नहीं हुआ था। खिलाड़ी अपने खेल और कौशल का प्रदर्शन तो करते थे, लेकिन इतना  अच्छा नहीं कि वे एथलेटिक्स में भारत के लिए कोई मेडल जीत पाएं। लेकिन वो साल था 1958 का जब फ्लाइंग सिख के नाम से दुनियाभर में मशहूर मिल्खा सिंह ने राष्ट्रमंडल खेल यानी कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता था। भारत ने हालांकि इससे पहले ही मेडल तो अपने नाम किया था, लेकिन वो गोल्ड नहीं था। भारत को एथलेटिक्स में पहला गोल्ड दिलाने का काम मिल्खा सिंह ने ही किया था। साल 1958 के राष्ट्रमंडल खेल कार्डिफ में खेले गए थे और मिल्खा सिंह ने कमाल का प्रदर्शन किया था। उन्होंने 24 जुलाई 1958 में 440 गज की दौड़ में भारत के स्वर्ण पदक जीता था। 

भाग मिल्खा भाग से युवा पीढ़ी ने भी मिल्खा सिंह के बारे में जाना

मिल्खा सिंह की ये उपलब्धि इतनी बड़ी थी कि तब के भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने राष्ट्रीय अवकाश तक घोषित कर दिया था। वैसे तो आज की पीढ़ी मिल्खा सिंह के बारे में ज्यादा नहीं जानती है, लेकिन साल 2013 में आई मिल्खा सिंह पर फिल्म भाग मिल्खा भाग को देखकर युवा पीढ़ी ने जाना कि मिल्खा सिंह आखिर थे कौन। इसमें मिल्खा सिंह की भूमिका फरहान अख्तर ने निभाई थी। मिल्खा सिंह का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन बंटवारे के बाद वे भारत आ गए थे। इस दौरान उन्हें कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा, ये फिल्म बाखूबी दिखाया गया था। तब के प्रधानमंत्री रहे जवाहर लाल नेहरु के कहने पर वे बाद में लाहौर गए और पाकिस्तान के सबसे तेज धावक अब्दुल खालिक के साथ उनकी दौड़ हुई। उसी वक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे अयूब खान ने उन्हें द फ्लाइंग सिख का खिताब दिया था। 

Milka Singh

Image Source : PTI
Milka Singh

एशियाई खेलों में भी भारत के लिए गोल्ड जीतने का काम किया 
मिल्खा सिंह ने चार बार एशियाई खेलों में भारत के लिए स्वर्ण पदक यानी गोल्ड मेडल जीता। मिल्खा सिंह ने अपने जीवन में कुल 80 दौड़ों में हिस्सा लिया था, खास बात ये है कि इसमें से वे केवल तीन में ही हारे और 77 बार वे रेस जीतने में कामयाब हुए थे। एशियाई खेल 1958 में मिल्खा सिंह ने 200 मीटर और 400 मीटर में गोल्ड अपने नाम किया था। इतना ही नहीं इसके बाद साल  1962 में उन्होंने 400 मीटर और 400 मीटर रिले रेस में भी पहला स्थान हासिल किया था। मिल्खा सिंह का सपना था कि वे ओलंपिक में भी भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतें। लेकिन साल 1960 के रोम में खेले गए ओलंपिक में वे चौथे स्थान पर ही रह गए थे और भारत के लिए पदक लाने से जरा सा चूक गए थे। 

करीब 38 साल बाद टूटा मिल्खा सिंह का तेज भागने का रिकॉर्ड 
मिल्खा सिंह ने भारत के लिए 45.6 सेकेंड में दौड़ पूरी करने का रिकॉर्ड कायम किया था। ये कीर्तिमान करीब 38 साल तक उन्हीं के नाम पर रहा, इसके बाद परमजीत ने इसे साल 1998 में तोड़ने का काम किया था। पिछले साल यानी 2021 की जून में करीब 91 साल की उम्र पूरी करने के बाद कोरोना के कारण मिल्खा सिंह का निधन हो गया था। उनके कुछ ही दिन पहले उनकी पत्ीन निर्मल कौन का निधन हुआ था, इसके बाद अब मिल्खा सिंह का भी निधन हो गया था। मिल्खा सिंह के पुत्र जीव मिल्खा भी खेलों की दुनिया में हैं, लेकिन वे गोल्फ प्लेयर हैं। उनकी गिनती देश ही नहीं दुनिया के टॉप गोल्फर में होती है।

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