Highlights
- भारतीय हॉकी टीम ने जीते कुल 12 ओलंपिक मेडल
- आजादी के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम के नाम दर्ज कुल 9 मेडल
- भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक इतिहास में जीते 8 गोल्ड मेडल
Azadi Ka Amrit Mahotsav: पूरा देश इस वक्त आजादी के रंग में रंगा हुआ है। देश 15 अगस्त 2022 को अपनी आजादी के 75 साल पूरे कर लेगा। इसे लेकर देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी बीच पिछले 75 सालों में भारत को गौरवांवित करने वाले पलों को भी याद किया जा रहा है। खेल की दुनिया में भी कई ऐसे लम्हे आए जब गर्व से भारतीय तिरंगा आसमान की उंचाईयों की तरफ बढ़ता दिखा। उनमें से ही एक है भारतीय पुरुष हॉकी टीम का ओलंपिक में प्रदर्शन।
अगर ओलंपिक खेलों में भारत के प्रदर्शन की बात करें तो आजादी के पहले से ही भारत का फील्ड हॉकी में वर्चस्व था। 1928, 1932 और 1936 में भारत ने लगातार तीन गोल्ड मेडल जीतकर ओलंपिक में दुनियाभर की सभी टीमों को धूल चटा दी थी। मेजर ध्यानचंद अपने गोल्डन पीरियड में थे वहीं बलबीर सिंह सीनियर समेत कई दिग्गजों के आगे विरोधी टीम टिक नहीं पाती थी। देश की आजादी से पहले ही भारत हॉकी में ओलंपिक के तीन गोल्ड मेडल जीत चुका था।
आजादी के बाद भी बरकरार रहा जलवा
दूसरे विश्व युद्ध के कारण साल 1940 और 1944 में ओलंपिक का आयोजन नहीं हो पाया था। भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी में 12 साल के लंबे इंतजार के बाद 1948 में एक बार फिर गोल्ड पर कब्जा किया। स्वत्रंता के बाद ये भारत का पहला गोल्ड था। इसके बाद लगातार 1952 और 1956 में भी भारत का जलवा बरकरार रहा और गोल्ड मेडल पर कब्जा भी। 1960 में पाकिस्तान से फाइनल में हारने के बाद 1964 में भारत ने फिर वापसी करते हुए 1964 के टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता। फिर गोल्ड मेडल के बिना 3 ओलंपिक खेलने के बाद भारतीय टीम का इंतजार साल 1980 मास्को में खत्म हुआ। भारत के खाते में यह 8वां और आखिरी गोल्ड मेडल था।
पुरुष हॉकी टीम ने कब-कब जीते मेडल?
- 1928- गोल्ड
- 1932- गोल्ड
- 1936- गोल्ड
- 1948- गोल्ड
- 1952- गोल्ड
- 1956- गोल्ड
- 1960- सिल्वर
- 1964- गोल्ड
- 1968- ब्रॉन्ज
- 1972- ब्रॉन्ज
- 1980- गोल्ड
- 2020/21- ब्रॉन्ज
भारतीय हॉकी टीम ने आजादी के इन 75 सालों में देश को कई बार गौरवांवित किया है। ओलंपिक जैसी वैश्वित प्रतियोगिता में टीम आज भी सबसे सफल टीम है। हालांकि 1980 के बाद से देश को सिर्फ एक मेडल हालिया टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज के रूप में मिला था। लेकिन इतिहास में मिली उपलब्धियों के कारण भारत आज भी टॉप पर है। पिछले कुछ सालों में हॉकी की छवि धूमिल होती जा रही थी लेकिन जिस तरह देश आजादी के इस अमृत महोत्सव पर जगमगा रहा है। ठीक उसी तरह टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल से भारतीय हॉकी की खोई हुई चमक भी दोबारा जगमगा उठी है।