Highlights
- अरशद नदीम ने 90.18 मीटर का थ्रो किया
- पाकिस्तान को 60 साल में पहली बार ट्रैक एंड फिल्ड में दिलाया गोल्ड
- चोट की वजह से नीरज चोपड़ा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं लिया था भाग
Arshad Nadeem Javelin Record: पाकिस्तान के भाला फेंक खिलाड़ी अरशद नदीम ने 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में इतिहास रच दिया है। उन्होंने पुरुषों के भाला फेंक स्पर्धा मे रविवार देर रात को 90 मीटर का रिकॉर्ड थ्रो फेंका और गोल्ड मेडल जीत लिया। वह भाला फेंक में 90 मीटर का थ्रो करने वाले उपमहाद्वीप के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। यही नहीं अरशद कॉमनवेल्थ गेम्स में 60 साल में पाकिस्तान को ट्रैक एंड फील्ड में पहला गोल्ड दिलाने वाले खिलाड़ी भी बन गए हैं।
नीरज का रिकॉर्ड तोड़ा
टोक्यो ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने वाले अरशद ने भारतीय स्टार नीरज चोपड़ा के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड और वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने वाले नीरज ने अभी तक 90 मीटर की दूरी नहीं तय कर पाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इसी साल डायमंड लीग टूर्नामेंट के दौरान आया था, जब उन्होंने 89.94 मीटर का थ्रो किया था।
नदीम ने बनाया नया कॉमनवेल्थ गेम्स रिकॉर्ड
नदीम और नीरज खेल के मैदान पर एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं लेकिन उसके बाहर अच्छे दोस्त। दोनों खिलाड़ियों के बीच में पिछले कुछ साल से कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। लेकिन हर बार नीरज ने ही बाजी मारी थी। लेकिन इस बार नीरज की गैरमौजूदगी में अरशद ने उनके रिकॉर्ड को तोड़ते हुए न सिर्फ 90 मीटर का थ्रो किया बल्कि कॉमनवेल्थ गेम्स में नए रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल भी जीता।
नदीम ने वर्ल्ड चैंपियन को हराया
अरशद ने एलेक्जेंडर स्टेडियम में पांचवें प्रयास में 90.18 मीटर का थ्रो किया। उन्होंने इसके साथ ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान का नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया। इन दौरान अरशद ने वर्ल्ड चैंपियन एंडरसन पीटर्स को भी पीछे छोड़ दिया। एंडरसन ने यहां 88.64 मीटर का थ्रो किया और सिल्वर जीते। इनके अलावा केन्या के जूलियस येगो ने 85.70 मीटर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। जबकि भारत की तरफ से डीपी मनु (82.28) और रोहित यादव (82.22) के साथ क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर रहे।
चोट की वजह से नीरज चोपड़ा नहीं ले पाए थे भाग
बता दें कि 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा इस बार इन खेलों में हिस्सा नहीं ले पाए थे। वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने के बाद चोटिल हो गए थे। उनके मांसपेशियों में खिंचाव की दिक्कत की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें खेलों से दूर रहने का सुझाव दिया था। इसके बाद नीरज ने बर्मिंघम खेलों से अपना नाम वापस ले लिया था।